मोदी सरकार का रियल एस्टेट सेक्टर को पैकेज देना ऊंट के मुंह में जीरा जैसा है. यह फैसला बहुत देरी से आया है. फंड को प्रक्रिया में आने में कई महीने लगेंगे, खासकर अगर सरकारी एजेंसी इसको देखेगी तो. अलग -अलग सेक्टर की आर्थिक चुनौती से निपटने के लिए सरकार का दृष्टिकोण अदूरदर्शी है. अगर मौलिक, प्रणालीगत सुधार किए जायेंगे तो यह काम करेगा.
रियल एस्टेट पैकेज देने में सरकार से देरी हो चुकी है, अलग-अलग पैकेज देने से अर्थव्यवस्था नहीं सुधरेगी
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