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मथुरा में मांस-शराब पर पाबंदी तार्किक नहीं, आजीविका की कीमत पर शहर का नवीनीकरण नहीं होना चाहिए

दिप्रिंट का 50 शब्दों में महत्वपूर्ण मामलों पर सबसे तेज नजरिया.

दिप्रिंट का 50 शब्दों में मत.

मंदिर नगरी को उपेक्षा से उबारने का विचार तो अच्छा है लेकिन इसे बहुत समझदारी से करना होगा न कि आजीविका और आर्थिक गतिविधियों को दांव पर लगाकर. मथुरा में मांस और शराब पर पाबंदी लगाना और लोगों से दूध बेचना शुरू करने को कहना तार्किक आधार पर शहरी नवीनीकरण और संरक्षण दोनों के विपरीत है.

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