होम 50 शब्दों में मत त्योहारों में ढील देकर केरल भारी जोखिम उठा रहा है, भले उसका...

त्योहारों में ढील देकर केरल भारी जोखिम उठा रहा है, भले उसका हेल्थकेयर अच्छा ही क्यों न हो

दिप्रिंट का 50 शब्दों में सबसे तेज़ नज़रिया.

दिप्रिंट का 50 शब्दों में मत.

ओणम और बकरीद के त्योहारों में ढील देकर- केरल में कम्युनिस्ट सरकार जोखिम भरे रास्ते पर चल रही है. यह सच है कि उनकी स्वास्थ्य प्रणाली भारत के सर्वश्रेष्ठ में से एक है और इस समय तक वो चरमराई नहीं है. इसलिए वहां मृत्यु दर कम है. लेकिन अकेले केरल में भारत के दो तिहाई मामले आने पर भी संतुष्ट होकर बैठे रहना खतरनाक साबित हो सकता है.

 

 

Exit mobile version