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भारत द्वारा अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान इंजन बनाने में सहयोग लेना, हमारी असफलता की याद दिलाता है

दिप्रिंट का 50 शब्दों में सबसे तेज़ नज़रिया.

50 Words
दिप्रिंट का 50 शब्दों में सबसे तेज़ नज़रिया

दिप्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक भारत अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान इंजन बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की तलाश कर रहा है. यह बहुत ही दर्दनाक चेतावनी है कि हम स्वदेशी चीजें बनाने में असफल हैं. टेक्नोलॉजी, कर्मचारियों और बजट की कमी से अत्याधुनिक तकनीकों को बनाने के प्रयासों को कमजोर कर दिया है. इसमें तुरंत सुधार नहीं किया जा सकता है. भारत को साइंटिफिक रिसर्च पर ज्यादा निवेश करना चाहिए.

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