लोकतांत्रिक न्यायिक प्रक्रिया में एक स्थापित सिद्धांत है- ‘बेल नियम है और जेल अपवाद’. ये बात सुप्रीम कोर्ट ने भी कड़े तौर पर कही है. लेकिन हमारी निचली न्यायपालिका जहां न्याय के लिए लोग सबसे पहले जाते हैं, वो इसके उलट काम कर रहा है. ये चिंतिंत करने वाला है और इसमें सुधार करने की जरूरत है.
भारत की निचली न्यायपालिका बेल-जेल पैटर्न को उलट रही है, इसमें सुधार की जरूरत
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