वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल का यह स्वीकार करना कि भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता ‘मीन मेख निकालने ‘ और ‘छोटे मुद्दों ‘में अटकी रही ताज़गी भरा है. दोनों देशों को फ्रेश पैकेज लाने में अब देर नहीं करना चाहिए क्योंकि लेन-देन की बात करने वाले राष्ट्रपति ट्रम्प का शासन अब वहां नहीं रहा है. भारत की संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था किसी भी अच्छी खबर को हाथोंहाथ लेगी.
भारत-अमेरिका को व्यापार समझौते के लिए समय बर्बाद नहीं करना चाहिए. अर्थव्यवस्था अच्छी खबरों को हाथों हाथ लेगी
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