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लाल किले पर कोई भी धार्मिक झंडा फहराना अराजकता, समझना होगा कि ये 18वीं शताब्दी नहीं है

दिप्रिंट का महत्वपूर्ण मामलों पर सबसे तेज नज़रिया.

दिप्रिंट का 50 शब्दों में मत.

लाल किले पर कोई भी धार्मिक झंडा फहराना अराजकता है. यह किसे के लिए फायदेमंद नहीं होगा. किसान नेता पूरी परिप्रेक्ष्य से नदारद हैं. इसका मतलब है कि उनका सभी समूहों पर कोई नियंत्रण नहीं है. उत्साह में उन्होंने प्रदर्शन में धार्मिक उभार को नज़रअंदाज किया. यह समझना होगा कि ये 18वीं शताब्दी नहीं है.

 

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