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या तो जवाबदेह बनें या डीएमए को रद्द करे—केंद्र कोविड के लिए राज्यों को दोषी नहीं ठहरा सकता

दिप्रिंट का 50 शब्दों में सबसे तेज़ नज़रिया

दिप्रिंट का 50 शब्दों में मत.

मोदी सरकार और समर्थकों का कहना है कि कोविड से निपटने में नाकामी के लिए उन्हें दोष क्यों दिया जा रहा, जबकि स्वास्थ्य राज्य का विषय है. सामान्य समय में तो ये बात ठीक है. लेकिन तब नहीं जब डीएमए ने इस संवैधानिक व्यवस्था को खत्म कर दिया है. आज नीति बनाने से लेकर राज्यों को वैक्सीन की बिक्री तक, महामारी से निपटने की सारी कवायद केंद्र द्वारा नियंत्रित है. केंद्र को या तो जवाबदेह होना चाहिए, या फिर डीएमए को निरस्त कर देना चाहिए.


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मोदी सरकार का BJP विधायकों को CRPF का संरक्षण देना सत्ता का दुरुपयोग, यह राज्यों का काम है

बंगाल में भाजपा विधायकों को सीआईएसएफ/सीआरपीएफ की सुरक्षा प्रदान करने का मोदी सरकार का फैसला खुले तौर पर सत्ता का दुरुपयोग है. चुनाव बाद की हिंसा अर्धसैनिक बलों के इस्तेमाल के जरिये कोई राजनीतिक संदेश देने का बहाना नहीं हो सकती. विधायकों की सुरक्षा राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है और केंद्र इसके लिए ममता बनर्जी सरकार को जिम्मेदार ठहरा सकती है.

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