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आंध्र प्रदेश के विधान परिषद को भंग करना जगन का निरंकुश कदम है, संसद को इस पर विचार नहीं करना चाहिए

दिप्रिंट का महत्वपूर्ण मामलों पर सबसे तेज नज़रिया.

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आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने विधान परिषद को भंग करने के प्रस्ताव को पारित करने के लिए विधानसभा में बहुमत का इस्तेमाल करना निरंकुश कदम है. टीडीपी -प्रभुत्व वाली परिषद ने द्विसदनीय विधानमंडल कि महत्ता को बताते हुए तीन राजधानियों के उनके विचार को अवरुद्ध कर दिया. संसद को ऐसे प्रस्तावों पर विचार नहीं करना चाहिए.

अनुराग ठाकुर की स्पीच ने हद पार की है, चुनाव आयोग को नफरत फैलाने वालों को रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिल्ली चुनाव प्रचार के दौरान हिंसा को प्रोत्साहन देकर हद को पार कर लिया है. भाजपा प्रतिद्वंद्वियों पर विभाजनकारी होने का आरोप लगाते हुए फिर से अपनी ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है. चुनाव आयोग को इस तरह से घृणा फैलाने से पहले इसे रोकना चाहिए.

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