दिल्ली की गली में एक युवक ने एक नाबालिग लड़की की सरेराह चाकू घोंप कर हत्या कर दी, जिसे आते जाते कई लोगो ने होते हुए अपनी आंखों से देखा. यह घटना लोगों की मन से संवेदना और किसी जुर्म को रोकने की भावना का खत्म होना दिखाती हैं. किसी भी बुरी स्थिति या फिर संस्थान को वक्त के साथ ठीक किया जा सकता हैं अगर जनता साथ देने को तैयार हो तो.
सरेराह किशोरी की हत्या और लोगों का तमाशा देखना, दर्शाता है कि दिल्ली में संवेदना नहीं बची है
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