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गोर्बाचेव ने दिखाया कि सुपरपावर्स भी सहयोग कर सकते हैं, आज के नेताओं के लिए ये सबक है

दिप्रिंट का 50 शब्दों में सबसे तेज़ नज़रिया.

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दिप्रिंट का 50 शब्दों में सबसे तेज़ नज़रिया.

शीत युद्ध खत्म करने वाले मिखाइल गोर्बाचेव की मृत्यु ऐसे वक्त पर हुई है जब एक और शीत युद्ध जैसी स्थिति बन रही है. सोवियत के अंतिम राष्ट्रपति की विरासत जटिल रही है लेकिन परमाणु-हथियार पर रोकथाम कर उन्होंने दुनिया को सुरक्षित किया. यहां तक कि सुपरपावर्स भी सहयोग दे सकते हैं, गोर्बाचेव ने यह कर के दिखाया. आज के नेताओं के लिए ये सबक है.

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