सीबीआई और ईडी से सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों में चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया तेज करने को कहकर प्रधान न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने सही किया. अदालती लेटलतीफी का हवाला देकर मामलों में देरी को जायज नहीं ठहराया जा सकता. जब बरसों तक मामले अटके रहते हैं तो इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया और जनता की पसंद पर भी असर पड़ता है.
CJI रमन्ना का CBI और ED से चार्जशीट में तेजी लाने को कहना सही है, लेटलतीफी लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं
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