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पश्चिम बंगाल का जनादेश देख बौखलाई ममता दीदी, कहा- ‘नहीं रहना चाहती अब मुख्यमंत्री’

सीएम बनर्जी ने कहा कि सेंट्रल फोर्सेज ने हमारे खिलाफ काम किया है. राज्य में आपातकाल जैसी स्थिति बना दी है. हिंदू मुस्लिम के बीच बंटवारा हो गया है और हमारा वोट भी बंट गया है.

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ममता बनर्जी संविधान बचाओ के नारे के साथ धरने के दौरान, फाइल फोटो.

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की फायर ब्रांड मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की बात कही है. बनर्जी ने शनिवार को अपने आवास पर पार्टी नेताओं की आपात बैठक बुलाई. उन्होंने मीटिंग के शुरू होते ही कहा कि मैं अब मुख्यमंत्री के तौर पर काम नहीं करना चाहती हूं.

सीएम बनर्जी ने कहा कि सेंट्रल फोर्सेज ने हमारे खिलाफ काम किया है. राज्य में आपातकाल जैसी स्थिति बना दी है. हिंदू मुस्लिम के बीच बंटवारा हो गया है और हमारा वोट भी बंट गया है. उन्होंने कहा कि हमलोग चुनाव के दौरान लगातार चुनाव आयोग को शिकायत की लेकिन इस ओर उन्होंने कोई काम नहीं किया है.

भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद से ही विपक्षी दलों में खलबलाहट का माहौल है. वहीं भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के लिए नाक का सवाल बने दीदी के बंगाल को बीजेपी और अमित शाह ने भेद दिया है.


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लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में लगातार खूनी संघर्ष देखने को मिला. बता दें कि 42 सीटों वाले बंगाल में सातों चरणों में मतदान हुए, जिसमें कई लोग मारे भी गए. लेकिन इस खूनी संघर्ष के बाद आए परिणाम में ममता बनर्जी को जबरदस्थ झटका लगा क्योंकि भाजपा ने यहां 18 सीटों पर कब्जा जमा लिया है. बता दें कि 2014 के चुनाव में बीजेपी को महज दो सीटों पर संतोष करना पड़ा था और टीएमसी को उस चुनाव में 34 सीटें मिली थीं जो 2019 के चुनाव में घटकर 22 पर पहुंच गई है.

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ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनावों में राज्य में बीजेपी के चौंकाने वाले प्रदर्शन के बाद शनिवार को अपने आवास पर पार्टी नेताओं की आपात बैठक बुलाई और उसके बाद उन्होंने इस्तीफे की बात कही. बता दें कि इससे पहले जब सोशल मीडिया पर जब देशभर के नेता नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को भारी जीत की बधाई दे रहे थे तब दीदी ममता ने कुछ नहीं बोला बस ट्वीट किया- ‘विजेताओं को बधाई. सभी हारने वाले हारे नहीं हैं.’


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आज सीए के घर हुई टीएमसी की बैठक में लोकसभा चुनाव के नतीजों और 2021 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावी की रणनीति पर चर्चा भी हुई. पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनावों में लोग फिर से टीएमसी का साथ देंगे. बता दें कि पिछले साल हुए पंचायत के चुनाव में भी बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया था और अब बीजेपी की नजर बंगाल में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों पर होगी.

बंगाल में भाजपा कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या

लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद समूचे पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच व्यापक संघर्षो के बीच नादिया जिले में एक कथित भाजपा समर्थक की गोली मारकर हत्या कर दी गई.

चकदाहा पुलिस थाने के एक अधिकारी ने कहा, ‘चकदाहा में संतू घोष को उसके घर के बाहर शुक्रवार रात गोली मार दी गई और अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. जांच जारी है.’

भाजपा कार्यकर्ताओं ने यह दावा करते हुए एक राष्ट्रीय राजमार्ग और रेल पटरियां शनिवार को दो घंटे के लिए जाम कर दीं कि घोष तृणमूल छोड़कर भाजपा के लिए काम करने लगा था. भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के कारण सियालदह मंडल में रेल सेवाएं बाधित रहीं.

तृणमूल नेताओं ने हालांकि इस घटना में पार्टी की संलिप्तता से इनकार किया है और आरोप लगाया है कि भाजपा कार्यकर्ता इलाके में हिंसा भड़का रहे हैं.

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