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कांटे के टक्कर वाली 78 सीटें एनडीए और यूपीए के लिए अहम

इंडिया टुडे-एक्सि माई इंडिया एग्जिट पोल के अनुसार, करीब 78 ऐसी सीटें हैं, जहां वोटों का अंतर तीन फीसदी से भी कम रह सकता है.

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भाजपा कांग्रेस के झंडे | दिप्रिंट

नई दिल्ली: देश में सात चरणों में हुए लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम गुरुवार को आएंगे. एग्जिट पोल में एनडीए को बहुमत बताया गया है. लेकिन देश की 78 लोकसभा सीटों पर कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है. जो दोनों एनडीए और यूपीए गठबंधन के लिए अहम साबित हो सकती है.

इंडिया टुडे-एक्सि माई इंडिया एग्जिट पोल के अनुसार, करीब 78 ऐसी सीटें हैं, जहां वोटों का अंतर तीन फीसदी से भी कम रह सकता है. इन सीटों पर कांटे की टक्कर रह सकती है, जो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) या संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के पक्ष में हवा का रुख मोड़ सकती है.

एग्जिट पोल के अनुसार, 37 ऐसी सीटें हैं, जहां राजग को बढ़त मिल सकती है. इनमें से 33 सीटें भाजपा से जुड़ी हैं.वहीं, 17 ऐसी सीटें हैं, जहां संप्रग को बढ़त मिल सकती है. इनमें से 13 सीटें कांग्रेस से जुड़ी हैं.

इसके अलावा 16 ऐसी सीटें हैं, जहां क्षेत्रीय दलों की जीत का मार्जिन तीन फीसदी से भी कम है. इनमें से उत्तर प्रदेश की सात सीटें समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) महागठबंधन से जुड़ी हैं. जबकि आंध्रप्रदेश की तीन सीटें वाईएसआर कांग्रेस से और तेलंगाना की एक सीट तेलंगाना राष्ट्र समिति से जुड़ी हैं.एग्जिट पोल के मुताबिक आठ अन्य सीटें ऐसी हैं, जहां वोटों की साझेदारी का मार्जिन काफी कम है.

यह कहना मुश्किल है कि कांटे की टक्कर वाली इन सीटों पर कौन-सी पार्टी जीत हासिल कर पाएगी. हालांकि तमाम एग्जिट पोल यही बता रहे हैं कि चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी के रूप में उभरकर आएगी. लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि लोकसभा में इसे अपने बल पर बहुमत प्राप्त होगा.

आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में भाजपा भले ही प्रमुख दावेदार न हो, लेकिन उत्तर प्रदेश में इसका सपा-बसपा-रालोद महागठबंधन के साथ और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ सीधी टक्कर है.

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