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विधानसभा चुनाव 2019ः आंध्र प्रदेश में जगनमोहन की बड़ी जीत, नाकाम हुए चंद्रबाबू नायडू

पार्टी विधानसभा चुनाव में 150, टीडीपी 29 और भाजपा 1 सीटों पर बढ़त बनाये हुए है. वहीं राज्य की सभी 25 लोकसभा सीटों पर भी वाईएसआर कांग्रेस आगे है.

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आंध्र की वाईएसआर कांग्रेस के जगनमोहन रेड्डी और चंद्रबाबू नायडू | दिप्रिंट

नई दिल्लीः इस बार राज्य में विधानसभा और लोकसभा चुनाव साथ कराये गये हैं. दोनों के रुझान सामने आ रहे हैं. रुझानों में वाईएसआर कांग्रेस को 150, टीडीपी को 29 और भाजपा 1 सीटों पर बढ़त बनाये हुए हैं. वहीं राज्य की सभी 25 लोकसभा सीटों पर भी वाईएसआर कांग्रेस आगे चल रही है. यानि केंद्र में भाजपा विरोधी गठबंधन में अहम भूमिका निभाने वाले चंद्रबाबू नायडू अपने मकसद में नाकाम होते दिख रहे हैं.

वहीं दूसरी ओर आंध्र प्रदेश में जबर्दस्त जीत की राह पर अग्रसर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के खेमे में गुरुवार को जश्न का माहौल है. राज्य की राजधानी अमरावती के ताडेपल्ली में पार्टी प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी के आवास के बाहर बड़ी संख्या में वाईएसआरसीपी के नेता और कार्यकर्ता जमा होकर जश्न मना रहे हैं, पटाखे फोड़ रहे हैं और मिठाई बांट रहे हैं. कई कर्यकर्ता खुशी में नाच रहे हैं.


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हैदराबाद से बुधवार को अमरावती पहुंचे जगन मोहन रेड्डी ने वरिष्ठ नेताओं के साथ जीत का जश्न मनाया. उन्होंने राज्यसभा सदस्य विजय साई रेड्डी को बधाई देने के लिए गले लगा लिया. जगन मोहन रेड्डी के पैतृक कडपा जिले सहित राज्य के सभी 13 जिलों में वाईएसआरसीपी कार्यालयों में बड़े पैमाने पर जश्न मनाया जा रहा है.

विशेष राज्य के दर्जे की मांग का नहीं हुआ असर

चंद्रबाबू नायडू ने राज्य के लिए विशेष दर्जे की मांग को जोर-शोर से मुद्दा बनाया. वह एनडीए पर राज्य को विशेष राज्य का दर्जा न देने का आरोप लगाकर गठबंधन से अलग हो गये. दिल्ली आकर धरना दिया. उन्होंने राज्य की प्रतिष्ठा से जुड़े इस मुद्दे को जमकर भुनाने की कोशिश की. लेकिन इसका चुनाव में फायदा नहीं मिला. यही नहीं ईवीएम के मुद्दे पर 21 दलों को इकट्ठा किया और देशभर में विपक्षी दलों की एकता बनाई लेकिन यह मुद्दा भी उनकी छवि को राज्य में फायदा नहीं पहुंचा सका.

2014 में किसके पास कितनी सीटें

2014 लोकसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश की 25 सीटों में से टीडीपी (तेलुगु देशम पार्टी) के पास 15 सीटें हैं. जबकि वाईएसआर कांग्रेस ने 8 और बीजेपी ने 2 सीटें जीती थी. बीजेपी का उस समय टीडीपी के साथ अलायंस था. तेलंगाना 17 लोकसभा सीटों के साथ अब राज्य से अलग हो चुका है. इस बार तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस की बीच सीधा मुकाबला रहा. कांग्रेस और बीजेपी भी अहम भूमिका में रहीं.

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एग्ज़िट पोल में भी मिल रही थी जीत

एग्ज़िट पोल के नतीजे वाईएसआर कांग्रेस को टीडीपी पर काफी भारी दिखा रहे थे. टाइम्स नाउ वीवीआर का सर्वेक्षण राज्य की 25 में से 4-6 सीटें टीडीपी को और वाईएसआर को 18-20 सीटें मिलता दिखा रहा था. जबकि बीजेपी और कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दिखाया और एक सीट अन्य को मिलती दिखाई थी. बीजेपी के एक तरह से यहां पूरी तरह फ्लॉप साबित होने की अनुमान था.

बता दें कि आंध्र प्रदेश की सभी 175 विधानसभा सीटों पर पहले चरण में यानि 11 अप्रैल को ही मतदान हो गया था. आज तक एक्सिस माय पोल ने वाईएसआर कांग्रेस को विस चुनाव में 119-135 सीट मिलने की संभावना जताई थी. जबकि चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी को 39-51 सीटें मिलने का अनुमान जताया था. इसके अलावा पवन कल्याण की पार्टी जेएसपी को 1-3 और 2 सीटें अन्य को मिलने का अनुमान था.

 

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