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बीते गुरुवार धौरहरा में समर्थकों ने जितिन की गाड़ी रोककर उनसे वहीं से चुनाव लड़ने की अपील की थी. यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे जितिन प्रसाद पिछले दो चुनावों से धौरहरा लोकसभा सीट से लड़ रहे हैं. इस बार भी पहली लिस्ट में उनका नाम धौरहरा लोकसभा सीट के लिए घोषित किया गया था. फिर अचानक से जितिन के लखनऊ से लड़ने की चर्चाएं तेज हो गई इसी के साथ धौरहरा लोकसभा में उन्होंने प्रचार करना भी कम कर दिया था. फिर जितिन प्रसाद के भाजपा में जाने की खबरें सोशल मीडिया पर आने लगीं. कुछ न्यूज़ चैनलों ने भी इसको दिखाया. फिर कांग्रेस आलाकमान जितिन को मनाने में जुट गए.
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इसी बीच पार्टी हाईकमान ने जितिन को लखनऊ से लड़ने के लिए राजी भी कर लिया था. शनिवार को जितिन प्रसाद खुद मीडिया के सामने आए और उन्होंने बताया कि वह धौरहरा लोकसभा सीट छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं. दो दिन पहले उनके समर्थन में हुए जोरदार प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी आलाकमान ने धौरहरा की जनता की भावनाओं का सम्मान किया है.
जितिन प्रसाद ने कहा कि धौरहरा उनका सिर्फ चुनाव क्षेत्र ही नहीं, उनका परिवार भी है. इसे देखते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनको इसी सीट से चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी है. हालांकि कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक स्टेटमेंट अभी तक जारी नहीं किया गया है लेकिन पहली ही लिस्ट में जितिन का नाम घोषित था.
जितिन प्रसाद ने भाजपा ज्वाइन करने की खबरों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि वह कांग्रेस के सिपाही थे और रहेंगे. अभी कांग्रेस की ओर से लखनऊ कैंडिडेट की घोषणा नहीं हुई लेकिन सूत्रों की मानें तो अब जल्द इसकी घोषणा कर दी जाएगी.