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यूपी में कांग्रेस गिना रही छत्तीसगढ़ के काम, सीएम भूपेश बघेल ने अपने मंत्रियों समेत डाला डेरा

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री अपनी सरकार के मंत्री- विधायक के साथ अपने 120 दिनों के लेखा-जोखा के साथ यूपी पहुंचे हैं और बदले छत्तीसगढ़ की उपलब्धियां गिना रहे हैं.

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उत्तर प्रदेश में चुनावी सभाओं को संबोधित करते छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल/ भूपेश बघेल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अपनी मौजूदा स्थिति का आंकलन करते हुए कांग्रेस ने आखिरी तीन चरणों के लिए रणनीति में थोड़ा बदलाव किया है. अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री अपनी सरकार के मंत्री- विधायक के साथ अपने 120 दिनों के लेखा-जोखा लेकर यूपी पहुंच गए हैं और बदले छत्तीसगढ़ की उपलब्धियां गिना रहे हैं. छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल व उनकी सरकार के कई मंत्री और विधायक यूपी में 17 मई तक डेरा जमाए रहेंगे. और ये सभी नेता छत्तीसगढ़ सरकार के  किसान कर्जमाफी समेत पिछले चार महीने के काम को जनता तक पहुंचाने और उन्हें यह विश्वास दिलाने का काम कर रहे हैं कि कांग्रेस सरकार ने जो वादा किया है उसे पूरा करेगी. ये सभी नेता अलग-अलग सीटों पर जनसभाएं भी कर रहे हैं.

भूपेश के जरिए कांग्रेस का ‘ओबीसी कार्ड’

यूपी में पिछड़ा वर्ग की आबादी 40 प्रतिशत से अधिक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी रैलियों में खुद को पिछड़ा बता रहे हैं. वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती, मुलायम सिंह यादव को पिछड़ों का असली नेता बता रही हैं. भाजपा सपा के इस खेल को समझते हुए कांग्रेस ने भी अपनी रणनीति बदली और इनके जवाब में भूपेश बघेल को चुनाव प्रचार में जोर-शोर से लगा दिया है. वह पिछड़े वर्ग के बड़े नेता माने जाते हैं. भूपेश बचे हुए सभी चरणों में यूपी की अलग-अलग सीटों पर प्रचार करेंगे.

द प्रिंट से बातचीत में भूपेश बघेल ने कहा-‘यूपी का जिम्मा तो प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर है. मुझे कई सीटों पर प्रचार की जिम्मेदारी दी गई है जिसे मैं निभाऊंगा. छत्तीसगढ़ में जो हमारी सरकार ने काम किए हैं और जो हमारी योजनाएं हैं उसकी तस्वीर जनता के सामने पेश करूंगा.

‘मोदी अभी बदलेंगे कई रूप’

भूपेश बघेल ने मोदी के खुद को बार-बार पिछड़ा बताए जाने पर तंज कसते हुए कहा-‘ वह कभी चायवाला बनकर वोट मांगते हैं, कभी पिछड़ा बन कर, कभी साहू बनकर. जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ेगा वह न जाने क्या-क्या बन जाएंगे. हर चरण में नए रंग में दिखेंगे. लेकिन हकीकत तो यह है कि राहुल गांधी ने कांग्रेस की पिछड़ा वर्ग विंग को काफी मजबूत किया है जिसका असर चुनाव में भी देखने को मिलेगा.’

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भूपेश बघेल ने यूपी में कांग्रेस के अकेले लड़ने के फैसले को ठीक बताते हुए कहा कि मायावती को सीबीआई का डर है. इसी कारण छत्तीसगढ़ में उन्होंने कांग्रेस के बजाए अजीत जोगी के साथ गठबंधन किया था. यहां भी सपा-बसपा के गठबंधन में कांग्रेस को इसी कारण नहीं शामिल किया.

रायबरेली , अमेठी, बाराबंकी सीट पर विशेष फोकस

छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल और उनके मंत्री यूं तो कई सीटों पर चुनाव प्रचार करेंगे लेकिन उनका फोकस रायबरेली, अमेठी के अलावा बाराबंकी लोकसभा सीट पर विशेषतौर पर है. इसका कारण ये है कि बाराबंकी सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया चुनाव लड़ रहे हैं. छत्तीसगढ़ की जीत में पीएल पुनिया का भी अहम योगदान माना जाता रहा है. इसके अलावा रायबरेली व अमेठी सीट पर भी छत्तीसगढ़ के सभी नेता जमकर प्रचार करने में जुटे हैं.

प्रचार में छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार की ब्रांडिंग

इन दिनों रायबरेली, अमेठी, बाराबंकी लोकसभा क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ के मंत्रियों व विधायकों की रोजाना दो से तीन सभाएं कराई जा रही हैं. हर सभा में छत्तीसगढ़ सरकार की ब्रांडिंग भी हो रही है. उत्तरप्रदेश की जनता को हर मंच से नेता ये बताने में जुटे हैं कि राहुल ने छत्तीसगढ़ के किसानों से 10 दिन में कर्जमाफ करने का वादा किया था, सरकार बनते ही हमने दो घंटे के भीतर ही कर्जमाफ का प्रस्ताव पास कर दिया था और वह यूपी में भी कांग्रेस ने जनता से जो वादा किया है पूरा करेगी.

छत्तीसगढ़ सरकार के काम गिनाते हुए ये बता रहे हैं कि धान से लेकर मक्का और तेंदूपत्ता का समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है. कांग्रेस की सरकार आने पर सरकारी नौकरियों के द्वार फिर से खोल दिए गए हैं.

छत्तीसगढ़ के नेताओं विधायकों का मंत्रिमंडल द्वारा ऐसा भाषण देकर यूपी के लोगों में भरोसा दिलाने की कोशिश की जा  रही है कि कांग्रेस जो वादा करती है, उसे पूरा करती है. इसलिए, केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर न्यूनतम आय योजना का भी लाभ जरूर मिलेगा.

छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार के मंत्रियों के अलावा संगठन के पदाधिकारी भी कार्यकर्ताओं के साथ यूपी पहुंच गए हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री के सभी सलाहकार भी यूपी में हैं. 17 मई तक सभी यूपी में रुक कर चुनाव प्रचार करेंगे. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों की मानें अंतिम तीन चरणों के लिए यूपी में कांग्रेस अपनी पूरी ताकत झोंक रही है. कांग्रेस को उम्मीद है कि बदली रणनीति से रायबरेली, अमेठी के अलावा वह कुछ अन्य सीटें भी अपने पक्ष में कर सकती है.

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