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चुनाव से पहले हुई बंदरबाट- योगी सरकार ने अपनों और बागियों को दिए ‘मलाईदार पद’

चुनाव से पहले योगी सरकार ने अपनों और बागियों को साधा, ओपी राजभर व अनुप्रिया की नाराज़गी दूर करने के लिए उठाया कदम, हिंदू युवा वाहिनी का भी रखा ख्याल.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फाइल फोटो | ट्विटर
लखनऊ: अकसर विभिन्न आयोगों व परिषदों में राज्य सरकारें अपने करीबियों को उसका सदस्य बनवा देती हैं. ऐसा ही अब यूपी में हुआ है. लोकसभा चुनाव की घोषणा से कुछ घंटे पहले योगी सरकार ने अलग-अलग आयोगों, निगमों, परिषदों में नियुक्तियां कर अपनों के साथ-साथ बागियों को भी साधा है. इन जगहों पर 70 से ज़्यादा नियुक्तियां की गई हैं.

गोरखपुर मंडल का रखा गया पूरा ध्यान

इन नियुक्तियों में खास बात ये है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ सहयोगी दलों के पदाधिकारियों को भी तरजीह दी गई है. सीएम योगी के क्षेत्र गोरखपुर व उसके आस-पास के ज़िले वालों का विशेषकर ध्यान रखा गया है. एक दर्जन से ज़्यादा नियुक्तियां गोरखपुर मंडल के लोगों की गई हैं. इसके अलावा ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा व अनुप्रिया पटेल की अपना दल(एस) के सदस्यों की भी नियुक्तियां की गई है.

राजभर की नाराज़गी दूर करने की कोशिश

ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर को उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम लिमिटेड का अध्यक्ष बनाया गया है. इसके अलावा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से जुड़े राणा अजित प्रताप सिंह को उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया है. ओम प्रकाश राजभर के सहयोगी सुदामा राजभर को पशुधन विकास परिषद का सदस्य, वहीं सुनील अर्कवंशी और राधिका पटेल को राज्य एकीकरण परिषद के सदस्य के लिए नामित किया गया है. महेश प्रजापित को उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग एवं विकास निगम में सदस्य बनाया गया है.

अनुप्रिया की टीम को भी पूरी तवज्जो

अपना दल (एस) के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ओपी कटियार को पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम का सदस्य नामित किया गया है. अजय प्रताप सिंह को पशुधन विकास परिषद, रमाकांत पटेल को राज्य एकीकरण परिषद, राजेन्द्र प्रसाद पाल को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में सदस्य नामित किया गया है. वहीं अरविंद पटेल बौद्ध को पूर्वांचल विकास बोर्ड का सदस्य नामित किया गया है. रेखा वर्मा को राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था का अध्यक्ष और राम लखन पटेल को आवास एवं विकास परिषद का सदस्य बनाया गया है.

हिंदू युवा वाहिनी का भी रखा ख्याल

खास बात ये है कि हिन्दू युवा वाहिनी से जुड़े कार्यकर्ताओं को भी नई नियुक्तियों में जगह मिली है. इसमें अतुल सिंह, नीरज शाही रमाशंकर निषाद, राजेश्वर सिंह, भिखारी प्रजापति को अलग परिषद और बोर्ड में जगह दी गई है. ये सभी सीएम योगी के करीबी लोगों में गिने जाते रहे हैं.

कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव बने फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष 

हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव को फिल्म विकास परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. हालांकि चर्चा थी कि रवि किशन को ये पद मिल सकता है लेकिन अंतिम समय में राजू बाजी मार ले गए. राजू कानपुर के रहने वाले हैं. राजू फिलहाल बीजेपी से जुड़े भी हुए हैं. हालांकि हाल तक वे समाजवादी पार्टी से जुड़े थे. कायस्थ जाति के सपोर्ट का भी ध्यान रखा गया है.अवध की शहरी सीटों पर कायस्थ वोटर्स काफी संख्या में हैं.
raju srivastav with narendra modi

 

गौ सेवा आयोग में भरा पद

गौ-सेवा आयोग में प्रोफेसर श्याम नन्दन को अध्यक्ष नामित किया गया है. पिछले काफी समय से ये पद खाली पड़ा था. इसको लेकर तमाम सवाल भी उठ रहे थे जिस पर अब विराम लगेगा.

संगठन का भी रखा ध्यान

बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष और चुनाव प्रबंधन समिति के प्रभारी जयेन्द्र प्रताप सिंह राठौर को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अंशकालिक अध्यक्ष बनाया गया है.

ये रहे अन्य नियुक्त सदस्य

उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद: सुदामा राजभर, अजय प्रताप सिंह को सदस्य
उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम: महेश प्रजापति, ओम प्रकाश कटियार को सदस्य बनाया गया है
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड: डॉ. किशन वीर सिंह शाक्य, डॉ. अवध नरेश शर्मा को सदस्य
उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग: आर एन त्रिपाठी को सदस्य
हिन्दुस्तानी अकादमी: एमपी सिंह (सुल्तानपुर), शैलतन्या श्रीवास्तव (प्रयागराज), डॉ. दीप सौरभ (बिजनौर), डॉ. वकुल रस्तोगी (मेरठ), नागरदास मिश्र (बस्ती), डॉ. हृदय नारायण अवस्थी (औरैया), डॉ. रामजी मिश्र (प्रयागराज), राजबहादुर सिंह (आगरा), अनिरुद्घ गोयल (मेरठ), किरन श्रीवास्तव (लखनऊ). अकादमी की कार्यसमिति के सदस्य के रूप में लखनऊ के विजय त्रिपाठी और कानपुर की डॉ. आभा द्विवेदी को नामित किया गया है.
राज्य एकीकरण परिषद: रमाकान्त पटेल (मिर्जापुर), सुनील अर्कवंशी (हरदोई), राधिका पटेल (सुल्तानपुर)
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड: जयेन्द्र प्रताप सिंह (शाहजहांपुर) को अंशकालिक अध्यक्ष, प्रतापगढ़ के राजेन्द्र प्रसाद पाल और गोरखपुर के भिखारी प्रजापति को सदस्य नामित किया गया है.
राज्य सफाई कर्मचारी आयोग: आयोग का अध्यक्ष शहजहांपुर के सुरेन्द्र नाथ वाल्मीकि को नामित किया गया है. वहीं मुन्ना सिंह धानुक, लाल बाबू वाल्मीकि को उपाध्यक्ष, कमल वाल्मीकि, मनोज बाल्मीकि, छाया देवी, श्यामलाल वाल्मीकि को सदस्य नामित किया गया है.
उत्तर प्रदेश राज्य युवा कल्याण परिषद: डॉ. विभ्राट चन्द्र कौशिक को उपाध्यक्ष नामित किया गया है.
उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद: राम लखन पटेल, अश्विनी त्रिपाठी को उपाध्यक्ष
उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम: राणा अजीत प्रताप सिंह को अध्यक्ष, राजेश्वर सिंह को उपाध्यक्ष
लाल बहादुर शास्त्री गन्ना किसान संस्थान: नवाब सिंह नागर को अध्यक्ष, नीरज शाही को उपाध्यक्ष
होम्योपैथी मेडिसिन बोर्ड: डॉ. बीएन सिंह को अध्यक्ष, डॉ. रमाशंकर मिश्रा, डॉ. राजेन्द्र सिंह, डॉ. पार्थ सारथी शर्मा, डॉ. जेएन रघुवंशी, डॉ. शिव प्रसाद त्रिपाठी, डॉ. श्याम नारायण को सदस्य नामित किया गया है.
ओमप्रकाश राजभर/सोशल मीडिया
पूर्वांचल विकास बोर्ड: नरेन्द्र सिंह, दया शंकर मिश्र को उपाध्यक्ष, जय प्रकाश निषाद, विजय शंकर यादव, परदेशी रविदास, अरविंद बौद्ध, जितेन्द्र पांडेय, विजय विक्रम सिंह, राजकुमार शाही, ओम प्रकाश गोयल, अमरपाल मौर्य, केपी श्रीवास्तव और अशोक चौधरी को सदस्य नामित किया गया है.
मत्स्य विकास निगम: रमाकांत निषाद को अध्यक्ष नामित किया गया है
उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम: अरविंद राजभर को अध्यक्ष और राकेश गर्ग को उपाध्यक्ष के तौर पर नामित किया गया है
गो-सेवा आयोग: श्याम नंदन को अध्यक्ष, जसवंत सिंह उर्फ अतुल सिंह को उपाध्यक्ष नामित किया गया है
उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद: कैप्टन विकास गुप्त को अध्यक्ष
उत्तर प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था : रेखा वर्मा को अध्यक्ष
यूपी स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीयल कॉरपोरेशन : जगदीश मिश्रा को अध्यक्ष
अनुप्रिया/ सोशल मीडिया
मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ की कोशिश कुछ-कुछ वैसी ही है जैसी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने राज्य में चुनाव के ऐन पहले पांच बाबाओं को राज्य मंत्री का पद सौंप कर किया था, विश्लेषक कहते हैं कि उनको चुनावी फायदा भी नहीं हुआ क्योंकि वे चुनाव हार गए. कुछ इसी तरह  की बंदरबाट आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में राजनीतिक सचिवों की नियुक्ति कर के की थी. जिसपर उसे बहुत फजीहत झेलनी पड़ी थी.

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