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भाजपा संभाल रहे अमित शाह अब बने देश के गृह मंत्री, जाने ​गुजरात से दिल्ली तक सफर

अमित शाह को 2014 में भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था, तभी से शाह न केवल प्रधानमंत्री के रणनीतिकार बल्कि पार्टी के भी सबसे बड़े रणनीतिकार के रूप में देखे जाते हैं.

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गोपनीयता की शपथ लेते अमित शाह- फोटो- बीजेपी

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी की कमान संभाल रहे अमित शाह अब देश के नए गृह मंत्री होंगे. पीएम नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्रालय की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है. शाह गुजरात में नरेंद्र मोदी की सरकार के दौरान 2003 से 2010 तक गुजरात सरकार गृह मंत्रालय का भी जिम्मा संभाला चुके है. पीएम मोदी ने अमित शाह को इस बार सरकार चलाने वाली टीम में शामिल किया है. शाह ने राज्यसभा सांसद होते हुए गांधी नगर से लोकसभा सीट चुनाव लड़ा. ​जिस सीट से भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी सांसद रहे है.शाह ने यह अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा. गांधी नगर में उन्होंने रिकार्ड 5 लाख 57 हजार वोटों से जीत दर्ज की है.मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में राजनाथ सिंह गृह मंत्रालय का कार्यभार संभाल चुके है.

शाह को 2014 में भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था, तभी से उन्होंने न केवल प्रधानमंत्री के रणनीतिकार बल्कि पार्टी के भी सबसे बड़े रणनीतिकार के रूप में देखे जाते हैं. बताया जा रहा है कि अब जब शाह देश की और बड़ी जिम्मेदारी लेने जा रहे हैं तो कयास हैं कि उनकी जगह जेपी नड्डा बीजेपी अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं.

अमित शाह और पीएम मोदी की जोड़ी करीब ढ़ाई दशक पुरानी है.

शाह की अध्यक्षता में पिछले पांच सालों में भारतीय जनता पार्टी ने कई कीर्तिमान स्थापित किए, कई चुनाव जीते. उनके नेतृत्व में 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 303 सीटें जीतकर इतिहास बना दिया है.

वो अमित शाह ही हैं जिनके लिए कभी महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि जिस तरह से कांग्रेस पार्टी हार रही है उसे भी एक अमित शाह जैसे नेता की जरूरत है. लेकिन आज जिस जगह पर शाह पहुंचे हैं वहां तक पहुंचना इतना आसान भी नहीं था.

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गुजरात के एक गांव मानसा से रायसीना हिल्स तक का सफर

अमित शाह का जन्म 22 अक्‍टूबर 1964 को मुंबई में हुआ. 16 साल की उम्र तक वह अपने पुश्तैनी गांव मानसा गुजरात में रहे. उनके वेबसाइट पर दी गई सूचना के मुताबिक वह बचपन से ही राष्ट्रभक्ति की किताबें पढ़ते रहे थे और हमेशा से देश के लिए और उसके विकास के लिए काम करना चाहते थे.

https://twitter.com/BJP4India/status/1134092641535008768

अमित शाह का जन्म गुजरात के एक रईस परिवार में हुआ है. वह पीएम मोदी की गरीबी से ठीक उलट एक बड़े व्यवसायिक परिवार में पैदा हुए. उनके पिता का प्लास्टिक पाइप का एक बिजनेस है.

शाह ने जहां अपनी शुरुआती पढ़ाई अपने गांव में ही की, वहीं बॉयोकेमिस्ट्री में ग्रेजुएशन अहमदाबाद से किया. ग्रेजुएशन के बाद वे पिता का बिजनेस संभालने वापस अपने गांव पहुंचे और व्यवसाय को बढ़ाने में जुट गए.

अपने छात्र जीवन के दिनों में वह आरएसएस से जुड़ गए थे. वहीं कॉलेज के दौरान उन्होंने पूरी तरह से आरएसएस को जॉइन कर लिया.

कैसे हुई नरेंद्र मोदी से मुलाकात

गुजरात में एक कार्यक्रम के दौरान नरेंद्र मोदी और शाह की मुलाकात हुई. वह साल 1982 का था. वो एक मुलाकात दोस्ती में बदल गई तो अनवरत जारी है.

शाह ने 1986 में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली और 1987 में वह भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के सदस्य बने. उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 1999 में अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक (एडीसीबी) के प्रेसिडेंट चुने गए.

लगातार पांच बार रहे विधायक, गृह मंत्रालय का भी मिला जिम्मा

शाह ने पहली बार 1997 में सरखेज से उप चुनाव जीता और विधायक बने. उसके बाद वह लगातार पांच बार विधायक बने और 1998 के चुनाव में अपनी सीट बरकरार रखी. 2012 तक वो सरखेज से विधायक रहे इसके बाद साल 2013 में वह नरनपुरा से विधायक चुने गए.

उन्होंने 2003 से 2010 तक गुजरात सरकार की कैबिनेट में गृह मंत्रालय का भी जिम्मा संभाला.

अमित शाह के जीवन में 1989 बहुत ही महत्वपूर्ण है जब उन्हें लालकृष्ण आडवाणी के लिए चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला. एएनआई के मुताबिक इसी चुनाव में नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाकात हुई जबकि कुछ खबरों के मुताबिक वह 1982 में मोदी से मिल चुके थे.

शाह और नरेंद्र मोदी ने मिलकर गुजरात में भाजपा को संभाला और कार्यकर्ताओं को मोबिलाइज किया. 1995 में पहली बार गुजरात में भाजपा सत्ता में आई. लेकिन 1997 में ही सरकार गिर गई. बीजेपी अध्यक्ष की साइट के मुताबिक इस चुनाव में वह जीते लेकिन सरकार हार गई. उसके बाद भाजपा तभी सरकार में आई जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने. वह वर्ष था 2002. इस दौरान शाह ने नरेंद्र मोदी का कंधे से कंधा मिलाकर साथ निभाया और कई मंत्रालयों का कार्यभार भी संभाला.

लेकिन 2010 में शोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में उन्हें जेल हुई लेकिन बाद में सीबीआई अदालत ने इस मामले से उन्हें बरी कर दिया.

अब जब 2019 चल रहा है भारतीय जनता पार्टी के इस नायक ने पार्टी के लिए इतिहास लिख दिया है. और अब वह एक बार फिर पार्टी और सरकार में नया कार्यभार संभालने जा रहे हैं.

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