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Friday, 19 April, 2024
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अमेरिका ने अफगानिस्तान में 20 साल पुराना युद्ध खत्म किया, ट्रंप ने साधा निशाना

अमेरिकी मध्य कमान के कमांडर जनरल फ्रैंक मैकेन्जी ने कहा, ‘मैं अफगानिस्तान से निकलने और अमेरिकी नागरिकों, दूसरे देशों के नागरिकों और अफगानिस्तान के कुछ अहम लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभियान पूरा होने की घोषणा करता हूं.’

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वाशिंगटन : अफगानिस्तान से अमेरिका की निकासी की 31 अगस्त की समयसीमा पूरी होने से कुछ घंटे पहले ही अपने आखिरी सैनिक को निकाल लिया है. अमेरिकी सेना के अंतिम विमान ने हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी और इसी के साथ अमेरिका ने 20 वर्ष पुराने अपने युद्ध के समाप्त होने की घोषणा की.

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की ने ट्वीट कर अपने आखिरी सैनिक को अफगानिस्तान से निकालने की जानकारी दी है. और 30 अगस्त को ही अपने सैनिकों को निकालने की बात कही है.

अमेरिकी मध्य कमान के कमांडर जनरल फ्रैंक मैकेन्जी ने ऑनलाइन आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मैं अफगानिस्तान से निकलने और अमेरिकी नागरिकों, दूसरे देशों के नागरिकों और अफगानिस्तान के कुछ अहम लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभियान पूरा होने की घोषणा करता हूं.’ उन्होंने कहा, ‘अमेरिकी सेवा का प्रत्येक सदस्य अब अफगानिस्तान से बाहर है.’ साथ ही उन्होंने अमेरिका के सबसे लंबे चले युद्ध के समाप्त होने की घोषणा की. अमेरिका की अफगानिस्तान से वापसी सितंबर 9/11के हमले के 20वर्ष पूरे होने से कुछ वक्त पहले हुई है. इस हमले में आतंकवादी संगठन अलकायदा के आतंकवादियों ने न्यूयॉर्क में ट्विन टावर को उड़ा दिया था.

इस हमले के बाद अमेरिकी सैनिक तालिबान के शासन को उखाड़ फेंकने के लिए अफगानिस्तान की सरजमीं पर उतरे,जिसने अलकायदा के सरगनाओं को सुरक्षित पनाहगाहें मुहैया कराई थीं.

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अमेरिकी बलों की वापसी के बाद अब अफगानिस्तान में तालिबान का शासन है और उन्होंने अमेरिका की वापसी का स्वागत किया है.

तालिबान ने ट्वीट किया, ‘हमारे सभी देशवासियों, प्यारे देश और मुजाहिदीन को बधाई. आज सभी विदेशी बल हमारी पवित्र सरजमीं से चले गए.’

वहीं अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष राजदूत ज़लमय खलीलजाद ने ट्वीट किया, ‘अफगानिस्तान में हमारा युद्ध समाप्त हुआ. हमारे बहादुर सैनिकों, नौसैनिकों,मरीन और वायुसैनिकों ने बेहतरीन सेवाएं दीं और अनेक कुर्बानियां दीं. उनके प्रति हम सम्मान और आदर व्यक्त करते हैं.’

खलीलजाद ने कहा, ‘हमारी सेना और हमारे सहयोगी जो हमारे साथ खड़े रहे ,उनकी निकासी के साथ अब अफगान के पास निर्णय लेने के पल हैं. उनके देश का भविष्य अब उनके हाथों में है. वे अपना रास्ता पूरी संप्रभुता के साथ चुनेंगे.’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘अब तालिबान की परीक्षा की घड़ी है. क्या वे अपने देश को सुरक्षित और समृद्ध भविष्य की ओर ले जा सकते हैं जहां उनके सारे नागरिक,पुरुष और महिलाओं को तरक्की करने का मौका मिले ? क्या अफगानिस्तान अपनी विविध संस्कृति,इतिहास और परंपराओं की ताकत तथा खूबसूरती को दुनिया के सामने दिखा पाएगा?’

इतिहास में कभी भी सेना की वापसी का अभियान इतनी बुरी तरह नहीं चलाया गया:ट्रंप

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान से सैन्य वापसी के तरीके को लेकर अमेरिकी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इतिहास में कभी भी सेना की वापसी के अभियान को इतनी बुरी तरह अंजाम नहीं दिया गया.

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों की वापसी की समय-सीमा तय की थी, लेकिन तालिबान ने इससे करीब दो सप्ताह पहले ही अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया और इससे वहां स्थिति काफी खराब हो गई. हालांकि यह अभियान सोमवार देर रात सम्पन्न हो गया.

अमेरिका पर 9/11 हमले के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपनी सेना भेजी थी. अफगानिस्ताान से करीब 20 साल बाद अमेरिकी सेना की पूर्ण वापसी के बाद ट्रंप ने कहा, ‘इतिहास में कभी भी सेना की वापसी का अभियान इतनी बुरी तरह नहीं चलाया गया, जिस तरह से बाइडन प्रशासन ने अफगानिस्तान में चलाया.’

ट्रंप ने कहा, ‘इनके अलावा, सभी उपकरणों को तुरंत अमेरिका को वापस करने की मांग की जानी चाहिए क्योंकि उसके करीब 85 अरब डॉलर लगे हैं. अगर उन्हें वापस नहीं किया गया तो हमें जाहिर तौर पर सेना भेज उन्हें वापस लाना चाहिए या कम से कम उन पर बम गिराने चाहिए.’

अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व शीर्ष राजनयिक निक्की हेली सहित कई नेताओं ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर बाइडन प्रशासन की आलोचना की है.

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