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Saturday, 20 April, 2024
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थम नहीं रहा श्रीलंका में खतरा, आज भी एक चर्च के पास हुआ विस्फोट-मिले बम

श्रीलंका में अभी भी खतरा टला नहीं है. सोमवार को एक चर्च के पास बम विस्फोट की खबर है. कोलंबो में बस स्टेशन से 87 कम क्षमता वाले डेटोनेटर बरामद किए हैं.

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कोलंबो: श्रीलंका की सरकार ने सोमवार को ईस्टर के दिन हुए भयावह सिलसिलेवार बम धमाकों के लिए श्रीलंकाई मुस्लिम समूह को जिम्मेदार बताया और कहा कि यह घटना खुफिया तंत्र की विफलता है. श्रीलंका में अभी भी खतरा टला नहीं है. सोमवार को एक चर्च के पास एक और बम विस्फोट की खबर है. जबकि, बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक कोलंबो में पुलिस ने पेट्टा के मुख्य बस स्टेशन से सोमवार को 87 कम क्षमता वाले डेटोनेटर बरामद किए हैं. रविवार को हुए इस आतंकवादी हमले में 290 लोगों की मौत हुई है. मरने वालों में 7 भारतीय हैं. जिसमें, चार जनता दल सेक्युलर के कार्यकर्ता भी शामिल हैं. कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने एच डी कुमारस्वामी ने सोमवार को यह जानकारी दी है.

सरकार ने मीडिया को बताया कि नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) ने श्रीलंका के तीन शहरों में आठ विस्फोट किए जिसमें 500 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्री रजिथा सेनारत्ने ने कहा, ‘हमले में नेशनल तौहीद जमात शामिल है. यह एक स्थानीय संगठन है. हम नहीं जानते कि वे बाहरी लोगों से जुड़े हैं या नहीं? गिरफ्तार किए गए सभी लोग स्थानीय हैं.’

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि अन्य मंत्रियों के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए सेनारत्ने ने सुनियोजित हमलों को एक ‘घातक खुफिया विफलता’ बताया. उन्होंने कहा कि पहले से जानकारी होने के बावजूद भी हमलों को रोका नहीं जा सका.

मंत्री ने कहा कि 4 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों (जिनके नामों का उन्होंने खुलासा नहीं किया) ने इन हमलों की चेतावनी दी थी और यहां तक बताया था कि यह हमले चर्च और पर्यटन स्थल पर हो सकते हैं. सेनारत्ने ने कहा कि पुलिस महानिरीक्षक को 9 अप्रैल को इस बारे में सूचना देने के साथ-साथ संदिग्ध आतंकवादियों के नाम भी दिए गए थे.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद रविवार को राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना से मिलना चाहती थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका क्योंकि वे विदेश में थे.

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उन्होंने कहा, ‘सरकार की तरफ से हम परिवारों और अन्य संस्थानों से माफी मांगते हैं. समस्या यह है कि जब हम कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री से मिले तो खुद प्रधानमंत्री भी इसे लेकर अंधेरे में थे. उन्होंने भी यह सर्कुलर तब देखा था जब हमने इसे दिखाया. उन्हें सुरक्षा परिषद की बैठकों से बाहर रखा गया था.’

श्रीलंका के दो मंत्रियों मनो गणेशन और हरिन फर्नांडो ने भी ट्विटर पर कहा कि सरकार को आसन्न हमले की पूर्व सूचना थी.

सेनारत्ने ने कहा कि आज सुबह (सोमवार को) राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री पहली बार मिले. आज हमें इस स्थिति से उबरने के लिए एकीकृत राजनीतिक नेतृत्व की आवश्यकता है और हम हमारे देश से आतंकवाद को मिटाने के लिए हर कदम उठाएंगे. उन्होंने पुलिस महानिरीक्षक के इस्तीफे का मांग की. हाल के दिनों में श्रीलंका राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच राजनैतिक रस्साकशी का शिकार रहा है.

मरनेवालों में जेडीएस के कार्यकर्ता भी 

कर्नाटक मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने संवाददाताओं से कहा, ‘कोलंबो गए सात पार्टी कार्यकर्ताओं में से चार को मृत घोषित कर दिया गया है और तीन लापता हैं. हम भारतीय उच्चायोग की मदद से उनका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.’ कई विस्फोटों में से एक में मारे गए चार लोगों में लक्ष्मण गौड़ा रमेश, के.एम. लक्ष्मीनारायण, एम. रंगप्पा और के.जी. हनुमंथारायप्पा हैं. लापता तीन कार्यकर्ताओं में एच. शिवकुमार, ए. मरेगौड़ा और एन. पुत्तराजू शामिल हैं.

मुख्यमंत्री के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘ज्यादा जानकारी के लिए मुख्य सचिव टी. एम. विजय भास्कर विदेश मंत्रालय के माध्यम से उच्चायोग और नई दिल्ली में राज्य के रेजीडेंट कमिश्नर के संपर्क में हैं.’

पार्टी के कार्यकर्ता बेंगलुरू सहित राज्य के दक्षिणी क्षेत्र में 18 अप्रैल को मतदान के बाद शनिवार को छुट्टी मनाने के लिए श्रीलंका गए थे. कुमारस्वामी ने कन्नड़ में ट्वीट किया, ‘वे हमारी पार्टी के प्रतिबद्ध कार्यकर्ता थे और उनकी मौत से हम बहुत दुखी हैं.’

पार्टी के प्रवक्ता रमेश बाबू ने बताया, ‘सदस्य उन होटलों में से एक में ठहरे थे, जहां आतंकवादी हमले हुए. हम पता लगा रहे हैं कि वे किस होटल में ठहरे थे.’ कुमारस्वामी ने कहा कि वह हमले में मारे गए लोगों को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं.

(आईएएनएस के इनपुट्स के साथ)

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