लंदन, नौ मई (भाषा) ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने कहा कि पिछले महीने पहलगाम में आतंकवादी हमलों के खिलाफ भारत की प्रतिक्रिया “सटीक, लक्षित” थी और पूरी तरह से आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर केंद्रित थी, लेकिन पाकिस्तान ने तय किया है कि वह संकट खत्म करने के लिए टकराव टालने के बजाय मामले को बढ़ाना जारी रखेगा।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर भारत का रुख प्रस्तुत करने के लिए बृहस्पतिवार को ब्रिटेन के कई मीडिया संस्थानों ने दोरईस्वामी का साक्षात्कार लिया। उन्होंने ‘स्काई न्यूज’ से कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान को टकराव टालने का कोई विकल्प देकर हस्तक्षेप कर सकता है।
उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में मारे गए आतंकवादियों के लिए जनाजे की नमाज में अमेरिका द्वारा घोषित आतंकवादी अब्दुर रऊफ के शामिल होने की एक तस्वीर भी सीधे प्रसारण के दौरान दिखाई, जिसे नयी दिल्ली में विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री द्वारा भी एक मीडिया बयान के दौरान दिखाया गया था।
दोरईस्वामी ने कहा, “हर कोई जानता है कि पिछले 30 वर्षों से पाकिस्तान ने इसका (आतंकवाद का) इस्तेमाल भारत के खिलाफ ‘सब-क्रिटिकल’ (गंभीर श्रेणी से थोड़ी कम तीव्रता के) युद्ध के रूप में किया है।”
‘सब-क्रिटिकल’ युद्ध से तात्पर्य ऐसे सशस्त्र संघर्षों से है जो पारंपरिक युद्ध की सीमा से थोड़ा नीचे होते हैं, जिनमें उग्रवाद, छद्म युद्ध और आतंकवाद जैसी रणनीतियां शामिल होती हैं।
उन्होंने कहा, “यदि अंतरराष्ट्रीय समुदाय वास्तव में इस पर गौर करना चाहता है और इसके बारे में चिंता करना चाहता है, तो इसका सरल समाधान यह है कि पाकिस्तान को बताया जाए कि उसके पास एक अवसर है। ये वे चीजें हैं, जिन्हें दुनिया को 30 साल पहले पाकिस्तान को करने के लिए मजबूर करना चाहिए था, और उन्हें इस बुनियादी ढांचे को हटाने के अपने वादों को लागू करने के लिए मजबूर करना चाहिए था। उसने ऐसा नहीं किया है।”
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत को क्षेत्र में संघर्ष के और बढ़ने का डर है, राजदूत ने कहा कि “वास्तविक वृद्धि” पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी समूहों द्वारा 22 अप्रैल को पहलगाम में नागरिकों पर हमला करने और गोलीबारी के कारण हुई।
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प्रशांत सुरेश
सुरेश
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