scorecardresearch
Wednesday, 27 March, 2024
होमदेशअर्थजगतभारत में इस दशक में 7% से ज्यादा GDP वृद्धि की उम्मीद: मुख्य आर्थिक सलाहकार सुब्रह्मण्यम

भारत में इस दशक में 7% से ज्यादा GDP वृद्धि की उम्मीद: मुख्य आर्थिक सलाहकार सुब्रह्मण्यम

सुब्रह्मण्यम भारत की आर्थिक क्षमता पर भरोसा जताते हुए अमेरिकी कॉरपोरेट क्षेत्र से कहा कि 'अर्थव्यवस्था की बुनियाद महामारी से पहले भी मजबूत थी. केवल वित्तीय समस्याएं थीं.'

Text Size:

वाशिंगटन: मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रह्मण्यम ने भारत में सुधार की प्रक्रिया और देश के संकट को अवसर में बदलने की क्षमता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह दशक भारत की समावेशी वृद्धि का दशक होगा तथा इस दौरान मजबूत आर्थिक बुनियाद के दम पर यह सालाना सात प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज करेगा.

उन्होंने भारत की आर्थिक क्षमता पर भरोसा जताते हुए अमेरिकी कॉरपोरेट क्षेत्र से कहा कि ‘अर्थव्यवस्था की बुनियाद महामारी से पहले भी मजबूत थी. केवल वित्तीय समस्याएं थीं.’

सुब्रह्मण्यम ने बुधवार को यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में कहा, ‘मेरी यह बात याद रखें, यह दशक भारत की समावेशी वृद्धि का दशक होगा. वित्त वर्ष 2022-23 में, हम उम्मीद करते हैं कि वृद्धि 6.5 से सात प्रतिशत के बीच होगी और फिर इन सुधारों का असर दिखने के साथ यह और तेज हो जाएगी.’

उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि इस दशक में भारत की वृद्धि दर औसतन सात प्रतिशत से ज्यादा होगी.’

सुब्रह्मण्यम ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान वृद्धि दो अंकों में होगी और यह अगले वित्त वर्ष में कम होकर 6.5-7 प्रतिशत हो सकती है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

इस साल जनवरी में जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में मार्च 2022 में समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के दौरान 11 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया गया था.

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा, ‘जब आप सीधे डेटा पर नजर जमाते हैं, तो वी-आकार की रिकवरी और तिमाही वृद्धि के पैटर्न वास्तव में यह बताते हैं कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है. आगे देखते हुए, हमने जिस तरह के सुधार किए हैं और आपूर्ति पक्ष के उपाय किए हैं, वे वास्तव में न केवल इस साल बल्कि आगे भी मजबूत वृद्धि में मदद करेंगे.’

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए गए श्रम और कृषि कानून संबंधी सुधारों सहित विभिन्न संरचनात्मक सुधारों से वृद्धि में मदद मिलेगी.

सुब्रह्मण्यम ने कहा कि लंबे समय के दृष्टिकोण से, भारत अकेला ऐसा देश है जिसने पिछले 18 से 20 महीनों में इतने सारे संरचनात्मक सुधार किए हैं.

उन्होंने कहा, ‘भारत वास्तव में अपनी आर्थिक सोच के लिहाज से दुनिया के बाकी हिस्सों से अलग रहा है, और यह न केवल किए गए सुधारों के मामले में, बल्कि संकट को एक अवसर में बदलने के लिहाज से भी है.’

सुब्रह्मण्यम ने कहा कि हर दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था ने केवल मांग पक्ष से जुड़े उपाय किए हैं, इसके उलट भारत अकेला ऐसा देश है जिसने आपूर्ति पक्ष और मांग पक्ष दोनों से जुड़े उपाय किए हैं.


यह भी पढ़े:  PM मोदी की अमेरिकी यात्रा काफी सफल रही : तरणजीत सिंह संधू


 

 

share & View comments