ढाका, नौ मई (भाषा) बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी ‘अवामी लीग’ पर प्रतिबंध लगाने के बारे में “जल्द फैसला” लेगी।
अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के कार्यालय ने यह घोषणा ऐसे समय में की, जब छात्रों के नेतृत्व वाली नवगठित नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के कार्यकर्ताओं ने बृहस्पतिवार देर रात उनके (यूनुस) आधिकारिक आवास के सामने धरना दिया और हसीना की पार्टी को भंग करने की मांग की।
एनसीपी नेतृत्व ने पिछले साल अवामी लीग सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन किया था, जिसके बाद हसीना को पांच अगस्त को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और देश छोड़कर जाना पड़ा। इसके बाद यूनुस ने आठ अगस्त को अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार के रूप में पदभार संभाला था।
अंतरिम सरकार ने एक बयान में कहा, “सरकार तानाशाही शासन और आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोपों के चलते अवामी लीग को भंग करने की विभिन्न राजनीतिक दलों, संगठनों और लोगों की मांग पर गंभीरता से विचार कर रही है।”
बयान के मुताबिक, सरकार ने विभिन्न राजनीतिक दलों से संपर्क किया है और “उनके साथ परामर्श करके जल्द निर्णय लिया जाएगा।”
एनसीपी ने बृहस्पतिवार देर रात यूनुस के सरकारी आवास ‘जमुना’ के सामने एक अस्थायी मंच बनाकर धरना दिया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने वहीं पर जुमे की नमाज भी अदा की।
जमात-ए-इस्लाम, उसके छात्र संगठन इस्लामी छात्र शिबिर और हिफाजत-ए-इस्लाम जैसी इस्लामी पार्टियों और समूहों के नेता भी शुक्रवार को एनसीपी के धरने में शामिल हुए।
सरकार की ओर से जारी बयान में सभी से फैसला होने तक संयम बनाए रखने का आग्रह किया गया है। इसमें कहा गया है कि सरकार ने अवामी लीग के छात्र संगठन को भी भंग कर दिया है, जिसे उसने ‘आतंकवादी छात्र लीग’ करार दिया था।
एनसीपी नेता सरजिस आलम ने धरने में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “हमारा आंदोलन शुरू हो गया है। यह अभियान एक दिन या एक महीने तक भी चल सकता है। जब तक अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा नहीं हो जाती, हमें सड़क पर ही रहना होगा।”
धरने में शामिल लोगों ने अवामी लीग के खिलाफ नारे भी लगाए।
इससे पहले, एनसीपी नेता अबुल हसनत अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार रात अपने कई समर्थकों के साथ यूसुफ के आवास के सामने धरना शुरू किया और आधी रात के बाद नाहिद इस्लाम जैसे अन्य नेता भी उनके साथ जुड़ गए।
इस बीच, अवामी लीग की मुख्य प्रतिद्वंद्वी रह चुकी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने खुद को इस मांग से अलग कर लिया है। बीएनपी ने कहा है कि वह किसी भी राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन नहीं करती।
अवामी लीग के ज्यादातर नेता या तो जेल में बंद हैं या फिर देश-विदेश में अज्ञात स्थान पर जा चुके हैं।
एनसीपी अपनी स्थापना के समय से ही हसीना की पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रही है।
भाषा पारुल पवनेश
पवनेश
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