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Thursday, 25 April, 2024
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पाकिस्तान में छाई बलूचिस्तान की पुलिस अधिकारी, विरोध के बाद भी पंजाब में मिली जिले की कमान

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कुल पुलिसकर्मियों की संख्या लगभग दो लाख है जिसमें करीब साढे़ चार हजार महिला पुलिसकर्मी हैं. इनमें से कुछ ही महिलाएं डीआईजी जैसे उच्च रैंक तक पहुंच पाती हैं.

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नई दिल्लीः पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बलूचिस्तान में एक महिला पुलिस अधिकारी को जिले की कमान सौंपी गई है. पाकिस्तान की एसपी शाजिया सरवर को लैय्याह का जिला पुलिस अधिकारी बनाया (डीपीओ) गया है. पाकिस्तान जैसे देश में जहां पुरुषों का हर डिपार्टमेंट में दबदबा है वहां के लिए यह बड़ी बात है.

एसपी सरवर पंजाब में पांचवी ऐसी महिला हैं जिनको डीपीओ के पद पर पोस्ट किया गया है. पाकिस्तानी डिजिटल न्यूज़ पोर्टल डॉन के मुताबिक एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इससे पहले एसपी शाइस्ता रहमान डीपीओ भक्खर, एसपी अमारा अतहर को डीपीओ बहावलनगर और डीपीओ सरगोधा, एसपी मारिया महमूद को डीपीए पाकपाटन और एसपी नादिया उमर को लैय्याह का डीपीओ नियुक्त किया जा चुका है.

इसी तरह से फैसलाबाद सिटी पुलिस ऑफिसर उमर सईद मलिक को फारा बतूल में एसएचओ के रूप में नियुक्त किया गया था.

डॉन के मुताबिक आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आईजीपी फैजल शाहकार ने नीतियों में बदलाव के लिए कई मीटिंग्स कीं ताकि महिला पुलिकर्मियों के प्रतिनिधित्व को बढ़ाया जा सके. हालांकि, उन्हें डिपार्टमेंट के ही पुरुष अधिकारियों से विरोध का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने कड़ाई से इसका पालन किया.

पुरुष अधिकारियों का तर्क था कि महिलाएं फील्ड वर्क के लिए ज्यादा मुफीद नहीं होती हैं इसलिए उन्हें प्रशासनिक काम या गैर-फील्ड काम दिए जाने चाहिए.

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पंजाब पुलिस में 2.25 फीसदी हैं महिला पुलिसकर्मी

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कुल पुलिसकर्मियों की संख्या लगभग दो लाख है जिसमें करीब साढे़ चार हजार महिला हैं. इनमें से कुछ ही महिलाएं डीआईजी जैसे उच्च रैंक तक पहुंच पाती हैं.

ऐसे में महिला पुलिसकर्मियों के लिए काम करना आसान नहीं होता है. यहां तक कि कुछ महिला पुलिसकर्मियों को अपने पुरुष साथियों द्वारा भी काम के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ता है क्योंकि वे अपने पुरुष अधिकारियों को उनके बारे गलत तरीके से कान भरने की कोशिश करते हैं.

हिंदू महिला भी बनी थी पुलिसकर्मी

इसके अलावा पाकिस्तान के सिंध में कुछ दिन पहले पहली बार पुष्पा कोहली नाम की एक हिंदू महिला प्रांतीय प्रतियोगी परीक्षा पास करने के बाद पुलिस अधिकारी बनी थी. पुष्पा कोहली को असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर को पद पर सिंध में पोस्ट किया गया था. इसी तरह से जनवरी में हिंदू समुदाय से संबंध रखने वाली सुमन पवन बोदानी को सिविल और ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट के पद पर नियुक्त किया गया था.

आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक पाकिस्तान में करीब 75 लाख मुसलमान रहते हैं. पाकिस्तान के सर्वाधिक हिंदू सिंध प्रांत में ही रहते हैं.

खबरों के मुताबिक शाजिया सरवर बलूचिस्तान के बोलन जिले की हैं. उन्होंने पंजाब प्रांत के कई जिलों में महत्त्वपूर्ण पदों पर काम किया है. पंजाब के आईजी फैजल शाहकार के मुताबिक, ‘महिला पुलिस ऑफिसर्स को फील्ड में बेहतर पदों पर नियुक्त किया जा रहा है. इसके अलावा कई शहरों जैसे लाहौर, गुजरांवाला और फैसलाबाद में एसएचओ के पदों पर भी नियुक्त किया जा रहा है.’


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2 फीसदी से कम महिलाएं हैं पुलिस बल में

पाकिस्तान में पुलिस बल में महिलाओं की हिस्सेदारी 2 फीसदी से भी कम है. हालांकि महिलाओं के लिए 10 फीसदी रिजर्वेशन है. इसमें भी गिलगित पाकिस्तान क्षेत्र में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या सर्वाधिक लगभग 3.4 प्रतिशत है. जबकि बलूचिस्तान में जहां की शाजिया सरवर हैं, वहां पर पुलिस बल में महिलाओं की खासी कमी है. बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है.

क्या है कारण

पाकिस्तान में महिलाओं के पुलिस में भर्ती न होने के पीछे सबसे बड़ा कारण सामाजिक है. इसके अलावा सरकारी संस्थाओं के अंदर महिलाओं को प्रोत्साहन दिए जाने की कमी भी इसके पीछे एक बड़ा कारण है. हालांकि, यह भी काफी महत्त्वपूर्ण है कि साल 2015 से अब पुलिस बल में महिलाओं की संख्या बढ़ी है. महिलाओं का पुलिस बल में होना इसलिए भी जरूरी है ताकि उनकी नकारात्मक छवि भी खत्म किया जा सके और महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों का ज्यादा बेहतर तरीके से हैंडल किया जा सकेगा.


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