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Wednesday, 24 April, 2024
होमविदेशअमेरिका ने गांधी, मार्टिन लूथर किंग जूनियर के विचारों को बढ़ावा देने के लिए कानून पारित किया

अमेरिका ने गांधी, मार्टिन लूथर किंग जूनियर के विचारों को बढ़ावा देने के लिए कानून पारित किया

इस कानून के बाद दोनों देश गांधी और किंग के सिद्धांतों पर अध्ययन करेंगे तथा जलवायु परिवर्तन, शिक्षा एवं लोक स्वास्थ्य समेत कई अन्य मुद्दों पर साथ मिलकर काम करेंगे.

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वाशिंगटन: अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा ने बृहस्पतिवार को एक कानून पारित किया जो महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर के कार्यों एवं उनके विचारों पर अध्ययन के लिए भारत तथा अमेरिका के बीच द्विपक्षीय आदान-प्रदान कार्यक्रमों को बढ़ावा देगा.

इस कानून के मसौदे को मानवाधिकार कार्यकर्ता और पूर्व सांसद जॉन लेविस ने तैयार किया था, जिनका इस साल निधन हो गया. भारतवंशी सांसद डॉ. एमी बेरा ने इस विधेयक का समर्थन किया था.

इस कानून के जरिए अमेरिका-भारत पब्लिक प्राइवेट डेवलपमेंट फाउंडेशन की स्थापना होगी और महात्मा गांधी तथा मार्टिन लूथर किंग जूनियर के अहिंसक विरोध के सिद्धांतों पर अध्ययन एवं द्विपक्षीय आदान-प्रदान कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाएगा.


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साझा मूल्य की परंपरा

सदन की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष एलियट इंगेल ने कहा, ‘ इस कानून के बाद दोनों देश गांधी और किंग के सिद्धांतों पर अध्ययन करेंगे तथा जलवायु परिवर्तन, शिक्षा एवं लोक स्वास्थ्य समेत कई अन्य मुद्दों पर साथ मिलकर काम करेंगे. ’

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बेरा ने कहा, ‘दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों के रूप में, अमेरिका और भारत में साझा मूल्यों को बनाए रखने की लंबी परंपरा है, जिसे गांधी, किंग और अमेरिकी सांसद लेविस जैसी महान शख्सियतों ने बढ़ावा दिया.’

उन्होंने कहा, ‘यह कानून उनके विचारों और मूल्यों को सुनिश्चित करेगा और उनके नक्शेकदम पर चलने की याद दिलाता रहेगा.’

कानून में प्रावधान किया गया है कि अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए अमेरिकी एजेंसी यूएसएआईडी प्रशासक विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर भारत सरकार के सहयोग से अमेरिका-भारत गांधी-किंग डेवलपमेंट फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी.

कानून में यह भी प्रावधान है कि विदेश मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से ‘गांधी-किंग स्कॉलर्ली एक्सचेंज इनिशिएटिव’ कार्यक्रम की शुरुआत करेगा, जो अमेरिका और भारत से शोधार्थियों के लिए वार्षिक शैक्षणिक मंच मुहैया कराएगा. इस कार्यक्रम का उद्देश्य सामाजिक न्याय एवं मानवता तथा नागरिक अधिकारों पर महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर के विचारों पर ध्यान केन्द्रित करना होगा.

इस कानून के बाद एक पेशेवर विकास प्रशिक्षण पहल ‘गांधी-किंग ग्लोबल एकेडमी’ के लिए यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्त की जाएगी. ‘गांधी-किंग स्कॉलर्ली एक्सचेंज इनिशिएटिव’ के तहत 2025 तक प्रतिवर्ष 10 लाख अमेरिकी डॉलर के अनुदान का प्रावधान है. लेविस ने 2009 में भारत की यात्रा की थी और वहां मार्टिन लूथर किंग जूनियर की याद में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था.


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