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Wednesday, 24 April, 2024
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अमेरिका ने हालात को बताया ‘बेहद चिंताजनक,’ यूक्रेन दूतावास में अपने कर्मियों की फैमिली को वापस बुलाया

यूक्रेन में रूस के हमले की आशंका के मद्देनजर अमेरिका ने हाल के दिनों में अपने यूरोपीय सहयोगियों को एकजुट करते हुए आक्रामक अभियान चलाया है.

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वाशिंगटन: अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन स्थित अमेरिकी दूतावास में कार्यरत सभी अमेरिकी कर्मियों के परिवारों को रूसी हमले के बढ़ते खतरों के बीच रविवार को देश छोड़ने का आदेश दिया.

मंत्रालय ने कीव स्थित अमेरिकी दूतावास के कर्मियों के परिवार वालों को सलाह दी कि उन्हें देश छोड़ देना चाहिए. उसने यह भी कहा कि दूतावास में कार्यरत गैर-जरूरी कर्मी सरकारी खर्चे पर देश छोड़कर आ सकते हैं.

अमेरिका सरकार ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब यूक्रेन की सीमा पर रूस की सैन्य मौजूदगी बढ़ने के कारण तनाव बढ़ गया है. अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव ने तनाव कम करने के लिए शुक्रवार को वार्ता की, लेकिन इस दौरान सफलता नहीं मिली.

विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि कीव स्थित दूतावास खुला रहेगा और इस घोषणा का मतलब यूक्रेन से अमेरिकी अधिकारियों को निकाला जाना नहीं है. उन्होंने कहा कि इस कदम पर लंबे समय से चर्चा हो रही थी और इसका अर्थ यह नहीं है कि अमेरिका यूक्रेन के प्रति समर्थन को कम कर रहा है.

रूस ने यूक्रेन के नेता को बदलने की कोशिश के ब्रिटेन के दावे को किया खारिज

रूस के विदेश मंत्रालय ने रविवार को ब्रिटेन का यह दावा खारिज कर दिया कि उनका देश यूक्रेन की सरकार को रूस समर्थित प्रशासन से बदलना चाहता है और यूक्रेन के पूर्व सांसद येवेनी मुरायेव इसके लिए संभावित उम्मीदवार हैं.

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मुरायेव रूस समर्थक छोटी पार्टी ‘नाशी’ के प्रमुख हैं, जिसके पास वर्तमान में यूक्रेन की संसद में कोई सीट नहीं है. ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन के कई अन्य नेताओं का नाम लिया, जिनके बारे में कहा गया कि उनके रूसी खुफिया सेवाओं के साथ संबंध रहे हैं.

मुरायेव ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) से ‘स्काइप’ पर बात करते हुए बताया कि ब्रिटेन का दावा ‘हास्यास्पद’ है और रूसी सुरक्षा को खतरा होने के आधार पर 2018 के बाद से रूस में उनका प्रवेश वर्जित है. उन्होंने कहा कि यह प्रतिबंध यूक्रेन के सबसे बड़े रूस समर्थक नेता एवं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मित्र विक्टर मेदवेदचुक के साथ संघर्ष के मद्देनजर लगाया गया है.

‘नाशी’ पार्टी को रूस के प्रति सहानुभूति रखने वाली माना जाता है, लेकिन मुरायेव ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा, ‘पश्चिम समर्थन और रूस समर्थक नेताओं का दौर यूक्रेन में हमेशा के लिए समाप्त हो गया है.’

उन्होंने कहा कि वह यूक्रेन के तटस्थ दर्जे का समर्थन करते हैं.

वहीं, यूक्रेन के राजनीतिक विश्लेषक वोलोदिमिर फेसेंको ने मुरायेव को यूक्रेन में रूसी खेमे का अहम नेता बताया, लेकिन साथ ही कहा, ‘मुरायेव दूसरे स्थान के खिलाड़ी हैं. मुझे नहीं लगता कि मुरायेव का क्रेमलिन से सीधा संपर्क है.’

रूस के विदेश मंत्रालय ने भी ब्रिटेन के इस दावे को खारिज किया. रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने ‘टेलीग्राम ऐप’ पर कहा, ‘ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय द्वारा फैलाई जा रही झूठी जानकारी इस बात को पुख्ता तौर पर प्रमाणित करती है कि नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) देश यूक्रेन के आसपास तनाव को बढ़ा रहे हैं. हम ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय से उकसावे वाली गतिविधियां बंद करने का अनुरोध करते हैं.’

ब्रिटेन की सरकार ने यह दावा एक खुफिया आकलन के आधार पर किया है लेकिन इसके समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया है. ब्रिटेन ने यह आरोप ऐसे वक्त लगाया है जब रूस और पश्चिमी देशों के बीच यूक्रेन को लेकर तनाव चल रहा है.

ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज़ ट्रस ने कहा कि यह जानकारी ‘यूक्रेन का विनाश करने के इरादे से की जा रही रूसी गतिविधि पर प्रकाश डालती है और क्रेमलिन की सोच को दर्शाती है.’

उन्होंने ब्रिटेन का रुख दोहराते हुए कहा, ‘रूसी सेना की किसी भी बड़ी रणनीतिक भूल के लिए रूस को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.’

ब्रिटेन ने संभावित रूसी हमले से यूक्रेन की रक्षा को मजबूत करने के प्रयासों के तहत वहां टैंक भेदी अस्त्र भेजे हैं. यूक्रेन संकट को कम करने के राजनयिक प्रयासों के बीच, मॉस्को में वार्ता के लिए ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वालेस अपने रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगु से मिलने की उम्मीद है. हालांकि, बैठक के लिए कोई समय नहीं दिया गया है. यह 2013 के बाद पहली ब्रिटेन-रूस द्विपक्षीय रक्षा वार्ता होगी.

यूक्रेन में रूस के हमले की आशंका के मद्देनजर अमेरिका ने हाल के दिनों में अपने यूरोपीय सहयोगियों को एकजुट करते हुए आक्रामक अभियान चलाया है. व्हाइट हाउस ने ब्रिटेन सरकार के इस आकलन को ‘बेहद चिंताजनक’ बताया है और कहा कि वह यूक्रेन की चुनी हुई सरकार के साथ खड़ा है.


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