कोलकाता, एक नवंबर (भाषा) अनुभवी भारतीय गोलकीपर अरिंदम भट्टाचार्य ने शनिवार को पेशेवर फुटबॉल से संन्यास की घोषणा कर दी जिससे आई-लीग, आईएसएल और राष्ट्रीय टीम में लगभग दो दशकों तक के उनके करियर का अंत हो गया।
पैंतीस साल के अरिंदम ने एक भावुक पोस्ट में अपने सफर के बारे में बात की और याद किया कि यह सब मोहन बागान और ईस्ट बंगाल के लिए खेलने तथा बाइचुंग भूटिया का सामना करने के बचपन के सपने से कैसे शुरू हुआ।
उन्होंने लिखा, ‘‘दो दशक बाद मैं उन ट्रॉफियों, संघर्षों और जख्मों को देखता हूं जिससे सब बयां हो जाता है। लेकिन सबसे बढ़कर मैं उन यादों, सीखों, दोस्ती और आभार को देखता हूं जो हमेशा मेरे साथ रहेंगे। ’’
अपने कोच, टीम के साथियों, प्रशंसकों और परिवार को धन्यवाद देते हुए अरिंदम ने कहा कि उनका शरीर उन्हें बता रहा था कि अब रुकने का समय आ गया है, ‘‘लेकिन मेरा दिल हमेशा उन गोलपोस्ट के अंदर ही रहेगा। ’’
टाटा फुटबॉल अकादमी में खेलने वाले अरिंदम ने अपने सीनियर करियर की शुरुआत चर्चिल ब्रदर्स के साथ की और सिर्फ 19 साल की उम्र में आई-लीग खिताब जीता।
वह पुणे सिटी एफसी, बेंगलुरु एफसी, मुंबई सिटी और मोहन बागान के लिए भी खेले। उन्होंने 2019-20 में आईएसएल खिताब जीता और अगले सत्र में ‘गोल्डन ग्लव’ भी जीता।
फिर 2021 में उन्होंने ईस्ट बंगाल की कप्तानी की जो उनके परिवार का सपना था। वह भारत के लिए पांच मैच में खेले और राष्ट्रीय टीम के कई शिविर का हिस्सा रहे।
सुब्रतो कप में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद उन्हें स्टीफन कॉन्स्टेंटाइन ने भारत की अंडर-19 टीम में शामिल किया और वे श्रीलंका और म्यांमार के खिलाफ खेले। उन्होंने 2009 में ढाका में सैफ चैंपियनशिप में अफगानिस्तान के खिलाफ भारत की अंडर-23 टीम में पदार्पण किया।
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