अहमदाबाद, दो दिसंबर (भाषा) दिल्ली का मौजूदा घरेलू सत्र में निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा जब मंगलवार को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के ग्रुप डी मैच में आईपीएल खिलाड़ियों की मौजूदगी के बावजूद उसे त्रिपुरा की कमजोर मानी जाने वाली टीम के खिलाफ पहली बार 12 रन से हार का सामना करना पड़ा।
मौजूदा घरेलू सत्र में रणजी ट्रॉफी में भी दिल्ली को जम्मू-कश्मीर के खिलाफ पहली बार शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष रोहन जेटली और सचिव अशोक शर्मा को टीम चयन, सहयोगी स्टाफ के चुनाव और सरनदीप सिंह की नियुक्ति को लेकर सवालों का सामना करना पड़ सकता है।
रणजी ट्रॉफी में दिल्ली को अपने आखिरी दोनों मैच जीतने के बावजूद नॉकआउट में पहुंचने के लिए किसी चमत्कार की जरूरत होगी।
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी टीम चार में से दो मैच गंवाकर मुश्किल में है।
त्रिपुरा के 158 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए दिल्ली के बल्लेबाजों ने धीमी पिच पर निराश किया और मणिशंकर मूरासिंह (19 रन पर दो विकेट) तथा विक्की साहा (29 रन पर दो विकेट) की धारदार गेंदबाजी के सामने आठ विकेट पर 145 रन ही बना सके।
मूरासिंह ने इससे पहले 18 गेंद में नाबाद 25 रन की पारी भी खेली जिससे त्रिपुरा ने पांच विकेट पर 157 रन बनाए। श्रीदम पॉल 29 रन बनाकर टीम के शीर्ष स्कोरर रहे जबकि सलामी बल्लेबाज बिक्रमकुमार दास ने 28 रन की पारी खेली।
दिल्ली की टीम में शामिल नितीश राणा (40 गेंद में 45 रन), आयुष बडोनी (13 गेंद में 14 रन) और प्रियांश (10 गेंद में आठ रन) जैसे आईपीएल खिलाड़ी भी टीम को जीत नहीं दिला पाए।
दूसरी तरफ कर्नाटक ने देवदत्त पडिक्कल की 46 गेंद में नाबाद 102 रन की पारी से तमिलनाडु को 145 रन से रौंद दिया।
पडिक्कल ने अपनी पारी में 10 चौके और छह छक्के मारे। उनके अलावा बीआर शरत (53) और रविचंद्रन स्मरण (नाबाद 46) ने भी उम्दा पारियां खेली जिससे कर्नाटक ने तीन विकेट पर 245 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया।
लक्ष्य का पीछा करते हुए तमिलनाडु की टीम 14.2 ओवर में सिर्फ 100 रन पर ढेर हो गई। लेग स्पिनर श्रेयस गोपाल (21 रन पर तीन विकेट) और प्रवीण दुबे (34 रन पर दो विकेट) ने तीन-तीन विकेट चटकाए।
भाषा सुधीर मोना
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