मामल्लापुरम, नौ अगस्त (भाषा) भारत ‘बी’ टीम ने मंगलवार को यहां 44वें शतरंज ओलंपियाड के ओपन वर्ग में कांस्य पदक जीता जबकि महिला वर्ग में भारत ‘ए’ टीम ने भी तीसरा स्थान हासिल किया।
भारत ‘बी’ ने अपने अंतिम मैच में जर्मनी को 3-1 से हराकर तीसरा स्थान हासिल किया।
ओपन वर्ग में उज्बेकिस्तान ने सभी को हैरान करते हुए अपने अंतिम मैच में नीदरलैंड को 2.5-1.5 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। आर्मेनिया की मजबूत टीम ओपन वर्ग में दूसरे स्थान पर रही। टीम ने अपने अंतिम दौर के मुकाबले में स्पेन को 2.5-1.5 से हराया।
महिला वर्ग में शीर्ष वरीय भारत ‘ए’ को 11वें और अंतिम दौर में अमेरिका के खिलाफ 1-3 से शिकस्त का सामना करना पड़ा जिससे उसकी स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीदें धूमिल हो गई। कोनेरू हंपी की अगुआई वाली टीम तीसरे स्थान पर रही।
भारत ‘ए’, अमेरिका और कजाखस्तान के समान अंक रहे लेकिन मेजबान देश की टीम ने बेहतर टाईब्रेक स्कोर के आधार पर कांस्य पदक जीता।
युद्ध से जूझ रही युक्रेन की टीम ने महिला वर्ग का स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने शीर्ष स्थान की दौड़ में जॉर्जिया को पछाड़ा।
उज्बेकिस्तान ने चौथे बोर्ड पर जेखोनगिर वाखिदोव की जीत की बदौलत नीदरलैंड को हराया। टीम ने बेहतर टाईब्रेक स्कोर के आधार पर आर्मेनिया के पछाड़कर खिताब जीता। उज्बेकिस्तान की टीम 11 दौर की प्रतियोगिता में अजेय रही और उसने 19 अंक जुटाए।
भारत ‘बी’ टीम 18 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रही। भारत ‘ए’ ने चौथा स्थान हासिल किया।
भारत का ओलंपियाड में यह दूसरा कांस्य पदक है। टीम ने 2014 के अपने प्रदर्शन को दोहराया।
वर्ष 2014 में भी टीम का हिस्सा रहे अनुभवी बी अधिबान ने एक और पदक जीता जबकि टूर्नामेंट के दौरान शानदार फॉर्म में रहे युवा स्टार डी गुकेश, आर प्रज्ञानानंदा, निहाल सरीन और रौनक सधवानी का यह पहला पदक है।
भारत के लिए सभी 11 बाजी खेलकर नौ अंक जुटाने वाले गुकेश ने कांस्य पदक जीतने के बाद कहा, ‘‘कुल मिलाकर यह काफी मजेदार टूर्नामेंट रहा। मैंने उम्मीद नहीं की थी कि हम इतना अच्छा प्रदर्शन करेंगे लेकिन इससे बेहतर हो सकता था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास स्वर्ण पदक जीतने का शानदार मौका होता अगर कल (सोमवार को) मैं अपनी बाजी जीत जाता या ड्रॉ करा लेता। लेकिन ये चीजें होती हैं। बाजी के तुरंत बाद मैं बेहद निराश था और हमारे मार्गदर्शक (विश्वनाथन) आनंद ने मुझे यह कहकर मानसिक रूप से बेहतर स्थिति में पहुंचाया कि खेल में इस तरह की चीजें होती हैं और उन्हें भी इस तरह की चीजों का सामना करना पड़ा था।’’
महिला वर्ग में शीर्ष खिलाड़ियों कोनेरू हंपी और आर वैशाली ने क्रमश: गुलरुखबा तोखिजोनोवा और इरीना क्रुश के साथ अंक बांटे। तानिया सचदेव के हालांकि कारिसा यिप जबकि भक्ति कुलकर्णी को तातेव अब्राहमयान के खिलाफ शिकस्त झेलनी पड़ी जिससे भारत ‘ए’ का स्वर्ण पदक जीतने का सपना टूट गया।
भारत ‘ए’ के कोच अभिजीत कुंटे ने टीम की जमकर सराहना की।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले तीन या चार महीने में टीम ने कड़ी मेहनत की है और ओलंपियाड के इतिहास में यह भारत का पहला पदक (महिला वर्ग में) है। यह भारत में महिला शतरंज के बेहतर दिनों की शुरुआत होनी चाहिए।’’
टीम स्पर्धाओं में पदक के अलावा सात भारतीयों ने व्यक्तिगत वर्ग में भी पदक जीते। भारतीय खिलाड़ियों ने दो स्वर्ण, एक रजत और चार कांस्य पदक जीते।
गुकेश और सरीन ने स्वर्ण पदक जीते जबकि अर्जुन एरिगेसी ने रजत पदक हासिल किया। आर प्रज्ञानानंदा, तानिया सचदेव, आर वैशाली और दिव्या देशमुख ने कांस्य पदक जीते।
भारत ने प्रतिष्ठित गेप्रिंदाशविली कप भी जीता। यह पुरस्कार ओपन और महिला दोनों वर्ग में सामूहिक प्रदर्शन के लिए दिया जाता है।
भारत ने पहली बार दुनिया के सबसे बड़े शतरंज टूर्नामेंट की मेजबानी की।
ग्रैंडमास्टर अर्जुन इस दौरान 2700 ईएलओ रेटिंग को पार करने वाले सातवें भारतीय बने। इस 18 वर्षीय भारतीय ने अंतिम दौर में अमेरिका के खिलाफ ग्रैंडमास्टर डोमिनगुएज पेरेज को हराकर यह उपलब्धि हासिल की। इस दौरान अर्जुन की लाइव रेटिंग 2702.2 पहुंच गई थी।
भाषा सुधीर आनन्द
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