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Thursday, 18 April, 2024
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यूपी में गाय ले जाने के लिए दिया जाएगा सर्टिफिकेट, गो सेवा आयोग की रहेगी निगरानी

गायों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए गो सेवा आयोग एक प्रमाण पत्र जारी करेगा.

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लखनऊ : यूपी में गाय को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए सर्टिफिकेट जारी किया जायेगा. गाय की सुरक्षा के मद्देनजर गो सेवा आयोग ये सर्टिफिकेट देगा. दरअसल गो रक्षा के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिये है. सीएम योगी ने कहा है कि सरकार गो सेवा आयोग के साथ मिलकर काम कर रही है. गायों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए गो सेवा आयोग एक प्रमाण पत्र जारी करेगा. साथ ही आयोग सुरक्षा के इंतजाम भी सुनिश्चित करेगा, ताकि गाय ले जा रहे लोगों के साथ तस्करी के आरोप में लोग मारपीट न कर सकें.
सीएम योगी ने कहा कि गो सेवा आयोग को यह भी सुनिश्चित करना चाहिये कि चोरी-छिपे चल रही गो-तस्करी की घटनाओं को रोका जाए. इसके अलावा पहले से चल रही गोशालाओं के निरीक्षण का भी मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है. योगी ने गो सेवा आयोग के अधिकारियों को निर्देश दिये है कि गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर काम करें.

चारा के लिए 30 रुपए रोज देने का आदेश

सीएम योगी ने गाय के चारे की व्यवस्था के भी आदेश दिए हैं. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि दो गाय रखने वाले किसानों को चारा के लिए 30 रुपए रोज के हिसाब से पैसे मुहैया कराएं. अधिकारियों के साथ बैठक में योगी आदित्यनाथ ने गायों व गोपालकों की सुरक्षा और गोशालाओं को बेहतर बनाने के लिए कई सुझाव भी पेश किए. उन्होंने यह भी कहा कि मवेशियों को एक जगह से दूसरे जगह ले जाते समय क्रूरता न हो.

सीएम योगी के मुताबिक गो सेवा आयोग गोवंश की सुरक्षा, संरक्षण और संवर्धन हेतु जन जागरूकता पैदा करे और इसके लिए आयोग के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्य जनपदों का भ्रमण कर कार्य करें. योगी ने कहा कि आयोग द्वारा यह देखा जाना चाहिए कि गो संरक्षण स्थलों यथा निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों, गोशालाओं आदि में गायों की उचित देखभाल की जा रही है. आयोग यह भी देखे कि गोवंश तस्करी एवं अवैध बूचड़खानों का संचालन न हो. गोवंश सहित पशुओं के प्रति होने वाली क्रूरता को भी रोका जाए. आयोग के पदाधिकारी इसके लिए प्रशासन और सामाजिक संगठनों का सहयोग लेकर कार्य करें.

गोशालाओं में कम्पोस्ट बनाए जाएं

उन्होंने गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर बल देते हुए कहा कि गोशालाओं में कम्पोस्ट बनाने की व्यवस्था की जाए. उन्होंने कहा कि कम्पोस्ट और संग्रहीत गोमूत्र की बिक्री से गोशालाएं काफी हद तक आत्मनिर्भर हो सकती हैं. गोशालाओं के सह उत्पादों के व्यावसायिक उपयोग की सम्भावनाओं को भी तलाशा जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने गोवंश के नस्ल सुधार की कार्रवाई के सम्बन्ध में भी अधिकारियों से जानकारी मांगी है.

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