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Thursday, 25 April, 2024
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गरीब सवर्णों को आरक्षण का फैसला, मायावती ने बताया राजनीतिक छलावा

पार्टियां चुनाव के मद्देनजर इस फैसले पर संभल कर अपनी प्रतिक्रियायें दे रही हैं. ज्यादातर इसका स्वागत कर रही हैं, लेकिन इसे चुनावी जुमला बता रही हैं.

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नई दिल्लीः गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण के केंद्र सरकार के फैसले पर देशभर से प्रतिक्रियायें आ रही हैं. पार्टियां चुनाव के मद्देनजर इस फैसले पर संभल कर अपनी प्रतिक्रिया दे रही हैं. आरक्षण को हमेशा मुद्दा बनाने वाली पार्टियोंं की मिली-जुली प्रतिक्रियायें हैं. सवर्ण वोटर नाराज न हों, इसलिए ज्यादातर पार्टियां इसका स्वागत कर रही हैं, लेकिन अगर मगर के साथ. सभी इसे चुनावी राजनीति के लिए जुमला और देर से लाया गया फैसला बता रही हैं.

बीएसपी चीफ ने गरीब सवर्णों को सरकार के 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले का स्वागत किया है. मायावती ने कहा चुनाव से ठीक पहले लिए गये इस तरह के फैसले को हम सही नहीं मानते. यह चुनावी स्टंट है, राजनीतिक छलावा लगता है. अच्छा होता कि यह फैसला बीजेपी अपना कार्यकाल ठीक पूरा होने से पहले नही, बल्कि और पहले लेती.

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आरक्षण के मसले पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा है कि पिछड़ों को 27 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए. हम यह भी मांग करते हैं कि जनजातीय समुदायों का आरक्षण 26 से 28 फीसदी किया जाना चाहिए और 5 फीसदी आरक्षण झारखंड के अल्पसंख्यक समुदायों के लिए होना चाहिए.

वहीं इस पर आज लोकसभा में बहस होनी है. सदन की कार्यवाई को एक दिन के लिए बढ़ा दिया है. बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहने के लिए विप जारी किया है. विपक्षी पार्टियों ने भी अपने सभी सांसदों के सदन में मौजूद रहने को कहा है. संसद में कुछ देर में बिल पेश हो सकता है. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इस पर आने वाले संशोधन विधेयक को समर्थन देने का फैसला किया है.

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