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Saturday, 20 April, 2024
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मोदी सरकार जनता के पैसे की चौकीदार नहीं, भगोड़ों की ट्रैवल एजेंसी है: कांग्रेस

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विपक्षी पार्टी ने कहा, ‘मोदी सरकार की देखरेख में 23 बैंक धोखेबाज देश को 53 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगाकर भारत से भाग गए.’

नई दिल्ली: कांग्रेस ने 90 हजार करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी और विजय माल्या जैसे धोखेबाजों को देश से भागने की इजाजत देने के लिए सोमवार को केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली को बरखास्त करने की मांग की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेटली पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि वर्तमान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार के अंतर्गत अभूतपूर्व 19 हजार बैंक धोखाधड़ी के मामले दर्ज हुए हैं, जो कोई 90 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला है.

उन्होंने कहा, ‘उनकी देखरेख में कम से कम 23 बैंक धोखेबाज देश को 53 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगाकर भारत से भाग गए.’


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पायलट ने मीडिया को बताया, ‘विजय माल्या, ललित मोदी, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और अन्य के देश से बाहर सफलतापूर्वक भाग जाने से स्पष्ट होता है कि मोदी सरकार जनता के पैसे की चौकीदार नहीं है, बल्कि एक ट्रैवल एजेंसी है, जो जानबूझकर बैंक धोखेबाजों को धोखेबाजी करने, लूटने और विदेश भागने को आसान बनाती है.’

जेटली की बेटी ने चौकसी से पैसे लिए

सोमवार को राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने जेटली को हटाने की मांग करते हुए उनकी बेटी पर मेहुल चौकसी से पैसे खाने का आरोप लगाया. राहुल ने आरोप लगाया कि अरुण जेटली की बेटी मेहुल चौकसी के पेरोल पर थी. इस दौरान वित्त मंत्री पिता ने मेहुल चौकसी को देश से बाहर भागने दिया. अरुण जेटली की बेटी को आईसीआईसीआई बैंक के एक खाते से पैसा मिलता था.

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राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा, ‘अरुण जेटली की बेटी मेहुल चौकसी के पेरोल पर थी. इसी बीच उनके पिता यानी अरुण जेटली ने मेहुल चौकसी की फाइल दबा ली और उन्हें देश से भागने दिया. यह दुखद है कि मीडिया ने यह खबर दबा दी लेकिन देश के लोग ऐसा नहीं करेंगे.’

कांग्रेस ने यह भी सवाल किया कि जेटली की बेटी की लीगल फर्म ने चौकसी की कंपनी से फीस क्यों स्वीकारी, जबकि प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के साथ-साथ जांच एजेंसियों को नीरव मोदी और चौकसी की धोखाधड़ी की जानकारी थी.

पार्टी ने कहा, ‘जेटली की बेटी सोनाली जेटली और दामाद जयेश बख्शी ने दिसंबर 2017 में चौकसी की धोखेबाज कंपनी से रिटेनरशिप स्वीकार की थी. कंपनी से 24 लाख रुपये भी प्राप्त किए थे.’

सचिन पायलट ने कहा, ‘नीरव मोदी और चौकसी दोनों के देश से भागने के बाद यह राशि 20 फरवरी, 2018 को फिर से जमा कराई गई.’

भगोड़ों को राजनीतिक सुरक्षा दी गई

पायलट ने प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री से चुप्पी तोड़ने की मांग करते हुए कहा, ‘ये वे लोग (मोदी और जेटली) हैं, जिन्होंने धोखेबाजों की औपचारिक रूप से मदद की है, उन्हें कानूनी रूप से सुरक्षित किया और उन्हें बचने व भागने के लिए राजनीतिक सुरक्षा मुहैया कराई.’


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स्पष्ट रूप से सांठ-गांठ, मिलीभगत और हित संघर्ष का मामला होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने सवाल किया कि क्यों जेटली, उनकी बेटी और दामाद को समन जारी नहीं किया गया या घोटाले की जांच कर रही सीबीआई व अन्य एजेंसियों ने उनसे पूछताछ क्यों नहीं की.

कांग्रेस ने चौकसी व नीरव मोदी के खिलाफ कई प्राथमिकियां और शिकायत होने के बावजूद कार्रवाई नहीं होने का कारण जानने और देश से भगाने में उनकी मदद किसने की, इसके बारे में बताने की मांग की.

(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)

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