scorecardresearch
Friday, 29 March, 2024
होम2019 लोकसभा चुनावमेनका गांधी हो सकती हैं प्रो- टेम स्पीकर, वरुण गांधी को मोदी कैबिनेट नहीं मिली जगह

मेनका गांधी हो सकती हैं प्रो- टेम स्पीकर, वरुण गांधी को मोदी कैबिनेट नहीं मिली जगह

वरुण गांधी के लिए सर्वविदित है कि उनके पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ अच्छे तालमेल नहीं हैं.

Text Size:

नई दिल्ली:  2019 के लोकसभा चुनाव ने भारत में कई राजनीतिक राजवंशों को झकझोर दिया है और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मेनका गांधी और वरुण गांधी की मां-बेटे की जोड़ी को सरकार से बाहर रखने का फैसला किया है

हालांकि, आठ बार लोकसभा सांसद रह चुकी मेनका हैं इस बार सुल्तानपुर से चुनाव जीतीं हैं उन्हें लोकसभा का प्रो टेम स्पीकर चुना गया हैं.

संविधान यह बताता है कि पार्टी की परवाह किए बिना लोकसभा का वरिष्ठतम सांसद प्रो टेम स्पीकर के रूप में चुना जाता है. जो नव-निर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाता है और सदन में पहली बैठक को बुलाता है. इसके बाद लोकसभा के पूरे कार्यकाल के लिए एक नया अध्यक्ष चुना जाता है.

ऐसे कयास भी लगाए जा रहे है कि पिछली मोदी सरकार में महिला और बाल विकास मंत्री रहीं मेनका लोकसभा की स्पीकर भी चुनी जा सकती हैं.

वरुण बाहर क्यों हैं?

वरुण गांधी के लिए सर्वविदित है कि उनके पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ अच्छे तालमेल नहीं हैं.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

तीसरी बार सांसद चुने गए वरुण (पीलीभीत से दूसरी बार) को 2014 में भी मंत्री पद नहीं मिला था. कुछ लोगों ने 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उनकी बात की थी, लेकिन उन्हें नज़रअंदाज़ कर दिया गया था.

कोई आश्चर्य नहीं

कुछ लोगों को इस बात में कोई आश्चर्य नहीं है कि उनको मोदा के दूसरे कार्यकाल में जगह नहीं मिली. महिला और बाल कल्याण मंत्री के रूप में उनकी कई बार पार्टी के नेतृत्व से कहा सुनी हो जाती थी. चाहे बात तीन तलाक की हो, फीमेल जेनिटल म्युटिलेशन या जानवरों के अधिकारों की बात हो.

एक वरिष्ठ भाजपा नेता पहले दिप्रिंट को बताया था कि चाहे हाई कमांड ने उनके खिलाफ कोई कदम न उठाया हो पर उनके तेवरों को ‘सही नहीं माना ‘था. उचित स्थान और उचित समय पर न बोलने का उनको खामियाज़ा उठाना ही पड़ता.

share & View comments