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Friday, 19 April, 2024
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जगदीप धनखड़ होंगे देश के अगले उपराष्ट्रपति, पीएम मोदी समेत विपक्षी नेताओं ने दी बधाई

शनिवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार धनखड़ को 725 मतों में से 528 मत हासिल हुए. वहीं, जबकि विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले हैं.

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नई दिल्ली: केंद्र शासित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है. वह देश के नए उपराष्ट्रपति होंगे.

शनिवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार धनखड़ को 725 मतों में से 528 मत हासिल हुए. वहीं, जबकि विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले हैं.

लोकसभा महासचिव उत्पल के. सिंह ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि उपराष्ट्रपति चुनाव में राज्यसभा के निर्वाचित और मनोनीत सदस्यों और लोकसभा के निर्वाचित सदस्यों में से 725 सदस्यों ने वोट डाले. उन्होंने बताया कि वोट डालने के योग्य 780 सांसदों में से 725 सांसदों ने अपना वोट डाला. 15 वोट अवैध पाए गए और 710 मत वैध पाए गए.

जानकारी के लिए बता दें कि उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजों की घोषणा से पहले धनखड़ संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के 11 अकबर रोड स्थित आवास पर पहुंचे हैं.


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जश्न का माहौल

दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धनखड़ से मुलाकत कर उन्हें उपराष्ट्रपति चुनाव जीतने की बधाई दी.

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वहीं, धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित होने के बाद झुंझुनू में उनके पैतृक आवास पर जश्न का माहौल है.

मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने धनखड़ को ट्वीट करके बधाई दी है. उन्होंने लिखा, ‘ देश के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में निर्वाचन पर श्री जगदीप धनकड़ जी को हार्दिक बधाई और सफल कार्यकाल के लिए मेरी शुभकामनाएं। सार्वजनिक जीवन में आपके लंबे अनुभव तथा न्याय और विधि के क्षेत्र में आपके ज्ञान से देश लाभान्वित होगा.’

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने धनखड़ के जीतने के बाद उम्मीद जताई कि पश्चिम बंगाल के पूर्व गवर्नर की बरीक समझ और अनुभव का उच्च सदन को लाभ मिलेगा.

शाह ने कहा, ‘किसान पुत्र जगदीप धनखड़ का भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होना पूरे देश के लिए हर्ष का विषय है। धनखड़ जी अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में निरंतर जनता से जुड़े रहे हैं। जमीनी मुद्दों की बारीकी समझ व उनके अनुभव का उच्च सदन को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा.’

किसान पुत्र जगदीप धनखड़ का भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होना पूरे देश के लिए हर्ष का विषय है। धनखड़ जी अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में निरंतर जनता से जुड़े रहे हैं। जमीनी मुद्दों की बारीकी समझ व उनके अनुभव का उच्च सदन को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा

धनखड़ के उपराष्ट्रपति का चुनाव जीतने के बाद बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा दिल्ली में उनके आवास पर पहुंच बधाई देने पहुंचे. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने धनखड़ के आवास पर पहुंच कर उन्हें बधाई दी.

विपक्ष की तरफ से उपराष्ट्रपति की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने ट्वीट के जरिए धनखड़ को बधाई दी है. उन्होंने लिखा, ‘श्री धनखड़ जी को उपाध्यक्ष चुने जाने पर बधाई ! मैं विपक्ष के सभी नेताओं और सभी दलों के सांसदों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने इस चुनाव में मुझे वोट दिया. साथ ही, हमारे छोटे लेकिन गहन अभियान के दौरान सभी वॉलिंटियर्स को उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए. ‘

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘श्री जगदीप धनखड़ जी को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुने जाने पर बधाई. श्रीमती मार्गरेट अल्वा जी को धन्यवाद, संयुक्त विपक्ष की भावना का अनुग्रह और सम्मान के साथ प्रतिनिधित्व करने के लिए.’

नए उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान आज सुबह 10 बजे शुरू हुआ और शाम 5 बजे खत्म हुआ. शाम छह बजे के बाद वोटों की गिनती शुरू हुई.

धनखड़ अब एम वेंकैया नायडू के स्थान पर देश के नए उपराष्ट्रपति होंगे.

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत करीब 93 प्रतिशत सांसदों ने मतदान किया था जबकि 50 से अधिक सांसदों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया.

संसद के दोनों सदनों को मिलाकर कुल सदस्यों की संख्या 788 होती है, जिनमें से उच्च सदन की आठ सीट फिलहाल रिक्त है. ऐसे में उपराष्ट्रपति चुनाव में 780 सांसद वोट डालने के लिए पात्र थे.

तृणमूल कांग्रेस अपनी पहले की घोषणा के मुताबिक इस चुनाव से दूर रही. उसके दोनों सदनों को मिलाकर कुल 36 सांसद हैं.

‘जनता के राज्यपाल’

जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले धनखड़ समाजवादी पृष्ठभूमि के रहे हैं और वह पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं.

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में धनखड़ वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के साथ विभिन्न मुद्दों पर टकराव को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहे हैं. हालांकि, ऐसे हर अवसर पर भाजपा ने धनखड़ का मजबूती से साथ दिया.

राजस्थान में जाट समुदाय पिछड़ों की श्रेणी में आता है. उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में धनखड़ का चयन कर भाजपा ने इस समुदाय के लोगों को एक संदेश भी देने की कोशिश की है. जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले और शीर्ष पदों पर काम कर चुके प्रमुख जाट नेताओं में चौधरी चरण सिंह और देवीलाल शुमार हैं. चरण सिंह जहां देश के प्रधानमंत्री रहे हैं, वहीं देवी लाल उपप्रधानमंत्री रह चुके हैं.

हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उनकी एक बड़ी तादाद है. माना जाता है कि पिछले कुछ चुनावों में पार्टी को जाट समुदाय का समर्थन भी मिला है.

नड्डा ने कहा कि लगभग तीन दशकों तक सार्वजनिक जीवन में काम करने वाले धनखड़ का लालन-पालन राजस्थन के झुंझुनू स्थित एक गांव में हुआ और फिर उन्होंने एक प्रसिद्ध वकील के रूप में अपनी पहचान बनाई.

उन्होंने कहा कि धनखड़ को एक लंबा प्रशासनिक अनुभव है और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का पद संभालने के बाद उन्होंने लोगों के दिलों पर राज किया और ‘जनता के राज्यपाल’ के रूप में स्वयं को स्थापित किया.

धनखड़ राजस्थन के झुंझुनू में जनता दल के टिकट पर 1989 का लोकसभा चुनाव जीते थे. वह 21 अप्रैल 1990 से लेकर 5 नवंबर 1990 तक केंद्र सरकार में मंत्री रहे.


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