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Saturday, 20 April, 2024
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9,500 आईटी सेल प्रमुख, 72,000 व्हाट्सएप ग्रुप-भाजपा ऐसे कर रही बिहार में चुनावी जंग की तैयारी

बिहार में चुनाव प्रचार के असली योद्धा तो आईटी सेल प्रमुख होंगे, और व्हाट्सएप ग्रुप मतदाताओं को पार्टी के संदेशों और प्रयासों से अवगत कराएंगे.

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नई दिल्ली: विभिन्न राज्यों में सफलतापूर्वक 60 से अधिक वर्चुअल रैलियां आयोजित करने के बाद, भाजपा अब इस साल के अंत में बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव डिजिटल रूप से लड़ने की तैयारी में जुटी है.

पार्टी ने बिहार में हर शाक्ति केंद्र के लिहाज से 9,500 आईटी सेल प्रमुख नियुक्त किए हैं, जो लोगों तक भाजपा के राजनीतिक संदेशों को पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएंगे.

भाजपा के एक नेता ने नाम न देने की शर्त पर कहा कि ये 9,500 आईटी सेल प्रमुख बिहार में वर्चुअल चुनावी अभियान के असली योद्धा होंगे.

इन आईटी सेल प्रमुखों के अलावा भाजपा प्रत्येक बूथ के लिए 72,000 व्हाट्सएप ग्रुप बनाने की कवायद में भी जुटी है ताकि मतदाताओं को चुनाव से पहले पार्टी के विभिन्न कार्यों और संदेशों के बारे में जानकारी दी जा सके. पिछले दो महीनों में पार्टी ने 50,000 व्हाट्सएप ग्रुप बना भी लिए हैं.

इन व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से पार्टी जनता तक अपनी बात पहुंचाएगी, भाजपा नेताओं के भाषणों के वीडियो और पार्टी के संदेशों को भी रीयल टाइम में साझा करेगी.

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इन व्हाट्सएप ग्रुप का प्रबंधन बूथ स्तर के कार्यकर्ता संभालेंगे और सभी आईटी सेल प्रमुख भाजपा के राष्ट्रीय आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के नेतृत्व में काम करेंगे.

उक्त भाजपा नेता ने दिप्रिंट को बताया कि 9,500 आईटी सेल प्रमुखों की नियुक्ति मई में पार्टी हाईकमान और राज्य इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल के बीच बैठक के बाद हुई.

बिहार में लगभग 5,500 मंडल, 9,500 शक्ति केंद्र और 72,000 बूथ हैं. प्रत्येक शक्ति केंद्र में कम से कम 6-7 बूथ होते हैं.

भाजपा नेता ने कहा, चूंकि यह स्पष्ट है कि इस बार विधानसभा चुनाव में प्रचार परंपरागत तरीकों से एकदम भिन्न होगा, इसलिए लोगों तक व्यापक पहुंच के लिए हम अपने डिजिटल ढांचे को विस्तारित कर रहे हैं। भाजपा शुरू से ही चुनाव प्रचार में तकनीक का इस्तेमाल करने में आगे रही है – चाहे 2004 के दौरान (पूर्व पीएम अटल विहारी) वाजपेयी का प्री-रिकॉर्डेड फोन संदेश हो या 2014 में 3 डी वैन तकनीक और मिस्ड कॉल का प्रयोग, हम ट्रेंड शुरू करने वालों में शुमार हैं.

नेता ने आगे कहा, कोविड की बाध्यताओं के कारण, हमें इस बार खुद को बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के लिए तैयार करना होगा.


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2 करोड़ मतदाताओं को जोड़ने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप

पार्टी की प्रचार रणनीति के बारे में जानकारी देते हुए भाजपा नेता ने दिप्रिंट को बताया कि सबसे पहले मंडल आईटी सेल प्रमुख चुनाव से संबंधित जानकारियों, रैली के वीडियो और भाषणों को शक्तिकेंद्र के आईटी सेल प्रमुख से साझा करेंगे और फिर इन्हें बूथ स्तर तक पहुंचाया जाएगा.

साथ ही आगे कहा, इस डिजिटल अभियान में सबसे महत्वपूर्ण साधन व्हाट्सएप ग्रुप होंगे, जिसके माध्यम से 2 करोड़ लोगों से जुड़ना पार्टी का लक्ष्य है.

नेता ने कहा, हर व्हाट्सएप ग्रुप में 256 सदस्य जोड़े जा सकते हैं. इस तरह, पार्टी बस एक बटन क्लिक करके 2 करोड़ लोगों तक पहुंच सकती है.

बिहार भाजपा आईटी सेल के प्रमुख मनन कृष्णन ने दिप्रिंट को बताया, यह संरचना बूथ प्रमुख (हेड) और शक्ति केंद्र प्रमुख से इतर है. चूंकि राजनीतिक संदेश प्रसारित करने और माहौल तैयार करने में सूचना प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है, हम इन समूहों में जमीनी स्तर से जुड़े युवा, टेक्नोसैवी लोगों को शामिल करेंगे. हमारे कई आईटी प्रमुखों ने डिजिटल अभियान की तैयारी के लिए जूम लाइसेंस भी ले लिया है.

राज्य आईटी सेल के एक अन्य सदस्य ने कहा कि व्हाट्सएप समूहों का प्रबंधन एक बड़ी कवायद है और यह वास्तव में बुनियादी ढांचा तैयार करने से ज्यादा कठिन है.

उन्होंने आगे कहा, एक समय में केवल पांच लोगों को ही मैसेज फॉरवर्ड करने की व्हाट्सएप की पाबंदी के कारण हमें रीयल टाइम में सूचनाएं भेजने के लिए अधिक समूह बनाने होंगे. सोचिए अगर हमारे पास एक साथ 2-3 करोड़ लोगों तक पहुंचने की क्षमता होगी तो हमें लोगों से जुड़ने के लिए टीवी, समाचार पत्रों और अन्य मीडिया की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.


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चुनाव प्रचार के लिए 3 डी वैन की वापसी मुमकिन

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 7 जून को अपनी वर्चुअल रैली के दौरान कहा था कि नीतीश कुमार के शासन में बिहार ‘लालटेन राज‘ से ‘एलईडी राज‘ में बदल गया है.

उनके भाषण को राज्य के सभी 72,000 बूथों पर एलईडी के माध्यम से लाइव दिखाया गया था.

शाह ने 2014 में, जब वह भाजपा महासचिव और यूपी के प्रभारी थे, कुछ पत्रकारों को बताया था कि 3डी वैन की मदद से वह यूपी के ऐसे दुरूह इलाकों में भी लोगों से जुड़ने में सफल रहे, जहां तक अखबारों और टीवी की पहुंच नहीं थी.

इन वैन में 3 डी प्रोजेक्शन सिस्टम लगा था जिससे जरिये पीएम मोदी की रैलियों को लाइव दिखाया गया था. बिहार चुनाव से पहले इन वैन की फिर वापसी हो सकती है.

एक अन्य भाजपा नेता ने कहा, ‘अगर बड़ी रैलियां नहीं हो पाईं तो हम गांवों में 3डी वैन का उपयोग करेंगे जिससे वहां पीएम मोदी और शाह के भाषण दिखाए जा सकें. कम खर्चीले अन्य माध्यमों एलईडी, फोन और 3डी वैन आदि का इस्तेमाल करके भी हम लोगों से जुड़ सकते हैं.’

(इस खबर को अंग्रेजी में भी पढ़ सकते हैं.यहां क्लिक करें)

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