scorecardresearch
Friday, 19 April, 2024
होमराजनीतिलगातार 3 नाकाम कोशिशों के बाद दिल्ली को आज अपना नया मेयर मिलने की उम्मीद

लगातार 3 नाकाम कोशिशों के बाद दिल्ली को आज अपना नया मेयर मिलने की उम्मीद

दिल्ली नगर निगम (डीएमसी) अधिनियम, 1957 के अनुसार, नगर निगम चुनावों के बाद सदन के पहले सत्र में मेयर और उप मेयर का चुनाव किया जाता है.

Text Size:

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम द्वारा मेयर पद पर चुनाव कराने के तीन असफल प्रयासों के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार को नया मेयर चुना जाएगा. निगम सदन की बैठक में मेयर , उप मेयर और स्थायी समिति के छह सदस्यों के पदों के लिए चुनाव होंगे.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने पिछले सप्ताह मेयर पद का चुनाव कराने के लिए निगम सदन की बैठक बुलाने की मंजूरी दे दी थी.

शीर्ष अदालत ने 17 फरवरी को मेयर , उप मेयर और नगर निकाय की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की पहली बैठक बुलाने के लिए 24 घंटे के भीतर नोटिस जारी करने का आदेश दिया था.

न्यायालय ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया.

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि उपराज्यपाल द्वारा एमसीडी में नामित सदस्य मेयर चुनने के लिए मतदान नहीं कर सकते.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

दिल्ली नगर निगम (डीएमसी) अधिनियम, 1957 के अनुसार, नगर निगम चुनावों के बाद सदन के पहले सत्र में मेयर और उप मेयर का चुनाव किया जाता है.

हालांकि, नगर निगम चुनाव हुए दो महीने से अधिक समय हो गया है. नगर निगम चुनाव पिछले साल चार दिसंबर को हुए थे.

नगर निगम चुनाव के एक महीने बाद छह जनवरी को पहली बार सदन की बैठक बुलाई गई थी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्यों के बीच तीखी बहस के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी.

इसके बाद 24 जनवरी और फिर छह फरवरी को बुलाई गई दूसरी और तीसरी बैठक भी इस कवायद को पूरा करने में विफल रही और दोनों बैठकों को मेयर का चुनाव किए बिना स्थगित कर दिया गया.

इस संकट ने वार्षिक बजट कार्यवाही को भी प्रभावित किया और वर्ष 2023-24 के लिए करों की अनुसूची 15 फरवरी को एमसीडी के विशेष अधिकारी द्वारा पारित की गई थी.

नियमों के अनुसार करों की अनुसूची को 15 फरवरी को या उससे पहले सदन से पारित कराना होता है.

हालांकि, शेष बजट 31 मार्च से पहले सदन द्वारा पारित होने की उम्मीद है, जैसा कि आवश्यक होता है.


यह भी पढ़ें: शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने एकनाथ शिंदे को बनाया पार्टी का मुखिया, ‘सभी शक्तियां’ दीं


share & View comments