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Thursday, 25 April, 2024
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मंदिर के बाद कॉलेज-कॉलेज क्यों घूम रहे है कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी

कांग्रेस पार्टी ने एक व्यापक स्तर पर सर्वे करवाया है इसमें यह जानने का प्रयास किया गया है कि छात्र राजनीति में रूचि क्यों नहीं लेते.

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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों ने वोटर्स को जोड़ने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. इस दिशा में आगे बढ़ते हुए कांग्रेस ने अपना पूरा फोकस पहली बार मतदान करने जा रहे मतदाताओं पर कर रही है.

पार्टी ने इसके लिए देशभर के करीब 7 हजार काॅलेजों में संपर्क अभियान चलाने का फैसला किया है. कांग्रेस उन कॉलेजों में जाएंगे जहां छात्रों की संख्या एक हजार से अधिक है. आने वाले तीन महीने में पार्टी अपने युवा संगठनों के जरिए इन काॅलेजों में पार्टी एंबेसडर नियुक्त करेगी. यह एंबेसडर राष्ट्रीय स्तर पर तय किए गए एजेंडे को छात्रों के बीच ले जाएंगे.

राहुल गांधी इनदिनों सॉफ्ट हिंदुत्व पर काफी जोर दे रहे हैं. गुजरात चुनाव के दौरान राहुल गांधी का मंदिर, गुरुद्वारा और मठ दर्शन काफी चर्चा का विषय रहा था. वहीं राहुल गांधी पॉल मेनिफेस्टो के लिए पिछले दिनों छात्रों से मिले थे. कार्यक्रम का नाम उन्होंने ‘अपनी बात राहुल के साथ’ रखा था.

राहुल खुद कर रहे है मॉनिटरिंग

काॅलेजों में युवा वोटर्स को जोड़ने का अभियान सीधे-सीधे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की निगरानी में चलाया जा रहा है. इनमें विभिन्न फार्मेट में विचार-विमर्श के कई सत्र भी आयोजित किए जा रहे हैं. इसी को देखते हुए राहुल गांधी राज्यों में युवा छात्रों के साथ संवाद भी कर रहे है. युवाओं के मुद्दों की गंभीरता से समझते हुए पार्टी अपने विज़न डाक्यूमेंट में राष्ट्रीय एजेंडे के तौर शामिल करेगी. इसके अलावा छात्रों के लिए राजनीति को रेलिवेंट बनाया जाएगा. वहीं उनकी प्राथमिकताओं को लोकसभा चुनाव में व्यापक बहस का हिस्सा बनाया जाएगा. इनमें चार कम्पोनेंट शामिल है. इसमें काॅलेजों का पुराना इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा और शिक्षकों का स्तर, कोर्स मटेरियल का पुराना होना और नौकरी आधारित कोर्स तैयार करना.

कैंपस स्पोक्सपर्सन संभालेंगे काॅलेजों में प्रचार की कमान

पार्टी के इस अभियान के तहत अब तक एक लाख छात्रों को इस मुहिम में रजिस्ट्रर किया जा चुका है. यहीं कैंपस एम्बेसडर और कैंपस स्पोक्सपर्सन लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी के प्रचार की संभालेंगे. छात्रों की समस्याओं को जानने और सोशल मीडिया पर बहस छेड़ने के लिए हर प्रदेश के काॅलेजों में छात्रों में स्मार्टफोन पर शाॅर्ट फिल्म बनवाई जा रही है, ताकि कैंपस एंबेसडर उस इलाके के युवाओं के समस्याओं को स्मार्ट फोन पर इंटरव्यू में दर्ज कर सकें. ये सभी शाॅर्ट मूवी पार्टी समय-समय पर चुनाव के समय दिखाएंगी. यह छात्र अन्य छात्रों के बीच फीस वृद्धि को लेकर बात करेंगे. इसके अलावा काॅलेज में मिलने वाली सुविधाओं पर बहस करेंगे.

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कैंपस एम्बेसडरों के पंजीयन का कार्य देख रही कांग्रेस नेता व छात्र संगठन एनएसयूआई की प्रभारी रूचि गुप्ता का कहना है, ‘पार्टी ने एक व्यापक स्तर पर सर्वे करवाया है इसमें यह जानने का प्रयास किया गया है कि छात्र राजनीति में रूचि क्यों नहीं लेते. इसमें यह निष्कर्ष निकल कर आया कि राजनीति के मुद्दे उनके अनुरूप नहीं हैं. उनकी प्राथमिकताओं का राजनीति मे दूर-दूर तक नामोनिशान तक नहीं है.’

गुप्ता ने बताया कि पूरे देश में सिर्फ 10 प्रतिशत छात्रों के लिए हाॅस्टल सुविधा है. वहीं 90 प्रतिशत छात्र अपने घरों से दूर रहकर मुश्किल में पढ़ाई कर रहे है. गांवों से निकलकर काॅलेज में पहुंचे इन छात्रों के लिए रहने ठहरने के अलावा भाषा और शहरी संस्कृति से जुड़े मुद्दे भी परेशान करते हैं. इसकी वजह से काॅलेज में ड्रापआउट रेट बहुत अधिक है. पार्टी इन विषयों को एजेंडे में लाना चाहती है. गुप्ता ने कहा कि ‘कांग्रेस पार्टी छात्र अधिकार आयोग की मांग कर रहा है इसके लिए हमने काम करना भी शुरू कर दिया है.’

गौरतलब है कि बीतें दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नईदिल्ली में देश के कुछ चुनिंदा कॉलेज के छात्रों के साथ भी मुलाकात की थी. इसमें कई प्रतिष्ठ कॉलेजों के छात्र मौजूद थे. कांग्रेस ने इसे अपनी बात राहुल के साथ नाम दिया था. इस कार्यक्रम के बाद भी कांग्रेस अध्यक्ष कई राज्यों में भी छात्रों से मुलाकात की थी. वहीं उनकी परेशानियों को समझा था. वहीं उनकी क्या अपेक्षाएं इस पर चर्चा भी की थी. वहीं राहुल गुजरात चुनाव दौरान राहुल गांधी के मंदिर जाना भी चर्चा का विषय बना था.

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