scorecardresearch
Friday, 29 March, 2024
होमराजनीतिकांग्रेस ने 50% आरक्षण की सीमा हटाने की मांग की, BJP ने कहा- उसने पिछड़ों के लिए कुछ नहीं किया

कांग्रेस ने 50% आरक्षण की सीमा हटाने की मांग की, BJP ने कहा- उसने पिछड़ों के लिए कुछ नहीं किया

राज्यसभा में इस विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने केंद्र सरकार पर जातीय जनगणना से दूर भागने का आरोप लगाया

Text Size:

नई दिल्ली: कांग्रेस ने राज्यों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) जातियों की पहचान करने और सूची बनाने का अधिकार बहाल करने वाले ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ का समर्थन किया और 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को खत्म करने की वकालत की. वहीं भाजपा ने कहा कि खुद को ओबीसी का हितैषी बताने वाली कांग्रेस ने इस वर्ग के लिए कभी कुछ नहीं किया और हर आयोग की सिफारिशों को ठंडे बस्ते में डाल दिया.

राज्यसभा में इस विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने केंद्र सरकार पर जातीय जनगणना से दूर भागने का आरोप लगाया और कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी इसका समर्थन किए हैं, ऐसे में केंद्र सरकार इस पर चुप क्यों बैठी है.

इस विधेयक को कल लोकसभा की मंजूरी मिल चुकी है. संसद का मॉनसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होने के बाद बुधवार को दूसरी बार उच्च सदन में ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ पर चर्चा के दौरान विपक्ष का हंगामा नहीं हुआ और चर्चा शांति से आगे बढ़ी. इससे पहले राज्यसभा में कोविड-19 महामारी के प्रबंधन पर 19 जुलाई को हुई अल्पकालिक चर्चा के दौरान शांति थी और विपक्ष का हंगामा नहीं हुआ था.

अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की सूची बनाने से जुड़े राज्यों के अधिकारों को बहाल करने का प्रावधान करने वाले विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए सिंघवी ने सवाल किया ‘आप जातीय जनगणना से दूर क्यों भाग रहे हैं? क्यों कतरा रहे हैं? बिहार के मुख्यमंत्री और ओड़िसा के मुख्यमंत्री भी इसके पक्ष में हैं. कल तो आपकी एक सांसद ने भी इसके समर्थन में बात कही है. फिर सरकार चुप क्यों बैठी है. सरकार ने अभी तक स्पष्ट क्यों नहीं किया? आप नहीं करना चाहते तो भी स्पष्ट कर दीजिए.’

उन्होंने कहा कि शायद सरकार इसलिए ऐसा नहीं कर रही है क्योंकि उसे पता है कि ओबीसी का असली आंकड़ा 42 से 45 प्रतिशत के करीब है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

सिंघवी ने कहा कि इस विधेयक में आरक्षण की सीमा के बारे में एक शब्द भी नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘राज्य ओबीसी सूची बनाकर क्या करेंगे? वह जो सूची बनाएंगे, वह उस बर्तन जैसी है जो आवाज तो निकाल सकती है लेकिन उसमें खाना नहीं खा सकते. लगभग 75 प्रतिशत राज्य ऐसे हैं जो आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा से आगे निकल गए हैं…तो वह करेंगे क्या इसके साथ. आप उनको एक कागजी दस्तावेज दे रहे हैं और अपनी पीठ थपथपा रहे हैं और एक झूठा वायदा दिखा रहे हैं. एक ऐसा सब्जबाग दिखा रहे हैं जो कानूनी और संवैधानिक रूप से क्रियान्वित कभी हो ही नहीं सकता.’

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 50 प्रतिशत की सीमा तय करने के साथ ही अपवाद स्वरूप विकल्प दिए हैं, जो सामाजिक और भौगोलिक स्थिति पर आधारित है. उन्होंने कहा कि आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा कोई ‘पत्थर की लकीर’ नहीं है. उन्होंने कहा, ‘..इस पर सोचना चाहिए…सोचना चाहिए था.’

share & View comments