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Friday, 19 April, 2024
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गहलोत ने PM Modi की तारीफ की, कहा- भारत में लोकतंत्र की मजबूती से उन्हें दुनिया में मिलता है सम्मान

गहलोत ने बांसवाड़ा के पास मानगढ़ धाम में 'मानगढ़ धाम की गौरव गाथा' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह कहा. इस दौरान मंच पर प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद थे.

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जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया भर में सम्मान मिलता है, क्योंकि वह ऐसे देश के प्रधानमंत्री है, जहां लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हैं और जो महात्मा गांधी का देश है.

गहलोत ने बांसवाड़ा के पास मानगढ़ धाम में ‘मानगढ़ धाम की गौरव गाथा’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह कहा. इस दौरान मंच पर प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद थे.

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी दुनिया भर के मुल्कों में जाते हैं, तो उन्हें कितना सम्मान मिलता है. ऐसा क्यों होता है… क्योंकि नरेंद्र मोदी जी उस देश के प्रधानमंत्री हैं जो गांधी का देश है, जहां लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हैं, गहरी हैं. यहां 70 साल के बाद भी लोकतंत्र जिंदा रहा है.’

उन्होंने आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी गोविंद गुरु को याद करते हुए कहा कि उनका योगदान देश सदा याद रखेगा.

गहलोत ने कहा, ‘आदिवासियों के लिये बांसवाड़ा में विश्वविद्यालय खोला गया है. शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कॉलेज खोले जा रहे हैं. उनका जाल बिछाया जा रहा है. स्वास्थ्य सेवाओं में हम बहुत आगे निकल गये हैं.’

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मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की चिरंजीवी योजना का जिक्र करते हुए कहा, ‘अगर प्रधानमंत्री राजस्थान की इस योजना के मॉडल का अध्ययन कराएं, तो हो सकता है कि आप (मोदी) उसे पूरे देश में लागू करना चाहें.’

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया कि वह बांसवाड़ा को रेल मार्ग से जोड़ने की परियोजना में मदद करे.

गहलोत ने कहा कि रतलाम को बांसवाड़ा के जरिए डूंगरपुर से रेल मार्ग से जोड़ने की परियोजना के लिए 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार को देनी थी. उन्होंने कहा, ‘हमने 250 करोड़ रुपये रेलवे को जमा करा दिये, हमने जमीन दे दी. इस पर काम भी शुरू हो गया था, लेकिन बाद में अचानक काम रुक गया.’

उन्होंने कहा कि मानगढ़ धाम ने जो इतिहास रचा है, वह स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है.

गहलोत ने कहा कि जिस तरह से पूरा देश जलियांवाला बाग की कहानी जानता है, उसी प्रकार से मानगढ़ धाम की पहचान भी देश में बननी चाहिए.

मानगढ़ की पहाड़ी भील समुदाय और राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की अन्य जनजातियों के लिए विशेष महत्व रखती है. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यहां भील और अन्य जनजातियों ने लंबे समय तक अंग्रेजों से लोहा लिया. स्वतंत्रता सेनानी श्री गोविंद गुरु के नेतृत्व में 17 नवंबर 1913 को 1.5 लाख से अधिक भीलों ने मानगढ़ पहाड़ी पर सभा की थी. इस सभा पर अंग्रेजों ने गोलियां चला दीं, जिसमें लगभग 1,500 आदिवासियों की जान चली गई.

इस कार्यक्रम में मंच पर गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और अन्य नेता भी थे.


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