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Tuesday, 16 April, 2024
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2024 के लिए बने 3 पैनल में गांधी भाई-बहन, उनके विश्वासपात्र और ‘विद्रोही’ G-23 गुट के कुछ नेता शामिल

'चिंतन शिविर' में किए गए वादों के उलट ये नया ग्रुप कोई बड़ा बदलाव करता नजर नहीं आ रहा है. पैनल में शामिल किए गए ज्यादातर चेहरे या तो पुराने हैं या वे गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं.

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नई दिल्ली: कांग्रेस के चिंतन शिविर में किए गए वादों को ध्यान में रखते हुए पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को राजनीतिक रणनीतियों पर सलाह देने और 2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारी के लिए तीन समितियों का गठन किया.

हालांकि पार्टी ने अभी एक हफ्ते पहले ही संपन्न हुए इस शिविर में ‘नव संकल्प’ या ‘नए प्रस्ताव’ का वादा किया था लेकिन नए ग्रुप में शामिल किए गए चेहरे पार्टी में किसी बड़े बदलाव को दिखाते नजर नहीं आ रहे हैं. इसमें बड़े पैमाने पर गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले और पहले से ही समान संगठनात्मक जिम्मेदारियां संभाल रहे नामों को शामिल किया गया है.

समितियों के प्रमुख सदस्यों में गांधी भाई-बहन राहुल और प्रियंका वाड्रा के अलावा उनके विश्वासपात्र और वो कुछ दिग्गज नेता हैं, जो हमेशा उनके साथ खड़े रहे हैं. इसके अलावा ‘विद्रोही’ जी-23 समूह के तीन सदस्यों को भी इस कमेटी में जगह दी गई है.

दिन-प्रतिदिन के मामलों पर अंतरिम कांग्रेस प्रमुख को सलाह देने के लिए आठ सदस्यीय ‘पॉलिटिकल अफेयर कमेटी’ में एक लोकसभा सदस्य राहुल गांधी, छह सेवारत या सेवानिवृत्त राज्यसभा सदस्य हैं. राहुल के सहयोगी और पूर्व लोकसभा सदस्य जितेंद्र सिंह इस समिति में शामिल आठवां नाम हैं.

‘जिंजर ग्रुप’ या जी-23 ग्रुप के दो सदस्यों गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा भी इस कमेटी का हिस्सा हैं. शर्मा के अब कांग्रेस नेतृत्व के साथ बेहतर रिश्ते हैं.

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शिविर में सोनिया गांधी ने स्पष्ट किया था कि ये ग्रुप ‘केवल सलाहकार’ के तौर पर काम करेगा और उसके पास निर्णय लेने की कोई शक्ति नहीं होगी.

एक अन्य ग्रुप ‘टास्क फोर्स-2024’  में प्रियंका गांधी वाड्रा, पांच सेवारत और पूर्व राज्यसभा सदस्य, चुनावी रणनीतिकार सुनील कनुगोलू, दो पूर्व विधायक अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला शामिल हैं. ये टास्कफोर्स 2024 के चुनावों में विभिन्न विभागों का संचालन करेगा.

प्रियंका ने विशेष रूप से कभी चुनाव नहीं लड़ा है और सुरजेवाला को पिछले दो विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस ने आम चुनावों की तैयारी को ध्यान में रखते हुए कमेटी को पार्टी के मीडिया और संचार, फाइनेंस, चुनाव प्रबंधन और अन्य विभागों का प्रभार सौंपा है.

सोनिया गांधी ने 2 अक्टूबर से शुरू होने वाली ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के कोर्डिनेशन के लिए एक ‘केंद्रीय योजना समूह’ का भी गठन किया है.

कांग्रेस ने हाल ही में 13-15 मई तक आयोजित पार्टी के तीन दिवसीय चिंतन शिविर में इन तीन ग्रुप- पॉलिटिकल अफेयर कमेटी, टास्क फोर्स और सेंट्रल प्लानिंग ग्रुप के गठन की बात कही थी.


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टास्क फोर्स में वरिष्ठ नेता सोनिया और विश्वासपात्रों को सलाह देंगे

‘पॉलिटिकल अफेयर कमेटी ‘ में वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, अंबिका सोनी, दिग्विजय सिंह, जितेंद्र सिंह और केसी वेणुगोपाल को जगह दी गई है.

गांधी और वेणुगोपाल के अलावा ग्रुप में शामिल अन्य सभी नेता 60 साल से ज्यादा की उम्र के हैं. यह चिंतन शिविर में अपनाए गए 50-अंडर-50 फॉर्मूले (50 साल से कम उम्र के नेताओं का 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व) के उलट है. घोषणापत्र में कहा गया था कि यह नीति पार्टी के भीतर सभी संगठनात्मक पदों पर लागू होगी और साथ ही कांग्रेस में अधिक युवाओं को शामिल करने की दिशा में काम करेगी.

टास्क फोर्स 2024 में पी चिदंबरम, केसी वेणुगोपाल, अजय माकन, प्रियंका गांधी वाड्रा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और सुनील कनुगोलू को जगह मिली है. यहां भी जी-23 का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक के जरिए किया गया.

कांग्रेस के एक बयान में कहा गया है कि फोर्स के प्रत्येक सदस्य के पास एक नामित टीम होगी जिसका जल्द ही गठन किया जाएगा.

हालांकि टास्क फोर्स के अधिकांश सदस्य जो एक या एक से अधिक विभागों की जिम्मेदारी संभालेंगे, वर्तमान में उनके पास मौजूद संगठनात्मक पदों के आधार पर पहले से ही इन विभागों का प्रभार है.

मसलन केसी वेणुगोपाल फिलहाल पार्टी के संगठन प्रभारी महासचिव हैं. इसी तरह रणदीप सुरजेवाला संचार प्रभारी महासचिव के साथ-साथ कर्नाटक के राज्य प्रभारी भी हैं. यही हाल उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का भी है.

अजय माकन भी राज्य के प्रभारी महासचिव हैं, जबकि पी चिदंबरम वित्त और अर्थव्यवस्था से संबंधित अधिकांश निर्णयों के लिए पार्टी के जाने-माने सलाहकार के अलावा राज्य के प्रभारी भी हैं.

वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक सबसे लंबे समय से पार्टी के महासचिव रहे हैं, जो जी-23 का सदस्य होने के बावजूद अभी भी अपना पद संभाल हुए हैं. वह केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण (सीईए) के सदस्य भी हैं.

सुनील कनुगोलू ग्रुप के सबसे युवा सदस्य हैं. वह एक चुनावी रणनीतिकार हैं जिन्हें हाल ही में कर्नाटक और तेलंगाना राज्यों में अपने चुनाव अभियानों में मदद करने के उद्देश्य से पार्टी में शामिल किया गया था.


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विभिन्न राज्यों के नेता ‘भारत जोड़ो’ यात्रा को कोऑर्डिनेट करेंगे

इन दो समूहों के अलावा पार्टी के मेगा ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के समन्वय के लिए एक तीसरे और अधिक विविध समूह का गठन किया गया है. उनकी ये यात्रा कश्मीर से कन्याकुमारी तक निर्धारित है. इस समूह के सदस्यों का चयन विभिन्न राज्यों के साथ भारत जोड़ो यात्रा के कोऑर्डिनेशन को आसान बनाने के लिए किया गया है.

इस ग्रुप में मध्य प्रदेश के दिग्विजय सिंह और जीतू पटवारी, राजस्थान के सचिन पायलट, केरल के शशि थरूर और केजे जॉर्ज, तमिलनाडु के जोथी मणि, कर्नाटक के सलीम अहमद, पंजाब के रवनीत सिंह बिट्टू और असम के प्रद्युत बोरदोलोई शामिल हैं.

इनमें से शशि थरूर जी-23  के सदस्य हैं. इसके अलावा सचिन पायलट को भी जगह दी गई है, जिनकी 2018 में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ अनबन के बाद से पार्टी में कोई निश्चित भूमिका नहीं रही है.

( इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )


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