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Thursday, 28 March, 2024
होमलास्ट लाफ'मौका मौका' का 2021 संस्करण और प्रकाश झा अब पढ़ सकते हैं करण जौहर का दिमाग

‘मौका मौका’ का 2021 संस्करण और प्रकाश झा अब पढ़ सकते हैं करण जौहर का दिमाग

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए पूरे दिन के सबसे अच्छे कार्टून.

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दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.

आज के फीचर कार्टून में सजिथ कुमार स्टार स्पोर्ट्स के पुराने विज्ञापन ‘मौका मौका’ का ज़िक्र करते हुए सोशल मीडिया पर ट्रोल्स की आलोचना कर रहे हैं जो रविवार को दुबई में हुए आईसीसी टी20 विश्व कप में भारत-पाकिस्तान मैच में विराट कोहली की टीम के हार जाने के बाद उनके खिलाफ नफरत फैलाने का मौका नहीं छोड़ रहे हैं.

संदीप अध्वर्यु | The Times of India

संदीप अध्वर्यु ईंधन की बढ़ती कीमतों पर टिप्पणी करते हुए आम भारतीय जनता की स्थिती को उजागर कर रहे हैं और बता रहे हैं कि कैसे अमीरों, जिनमें से कुछ का नाम पैंडोरा पेपर्स में है उन पर इसका प्रभाव नहीं पड़ रहा है.

R. Prasad | Economic Times
आर प्रसाद | Economic Times

आर प्रसाद ने भोपाल में वेब सीरीज ‘आश्रम’ के सेट पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के तोड़फोड़ करने और इसके निर्माता प्रकाश झा के चेहरे पर स्याही लगाने की घटना का ज़िक्र किया है. आर प्रसाद आश्चर्य जता रहे हैं कि अब प्रकाश झा करण जौहर के उस बयान के बारे में क्या सोचते हैं जिसमें उन्होंने देश में ‘असहिष्णुता’ होने की बात कही थी, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने ‘करण के दिमाग में असहिष्णुता‘ होने की बात कही थी.

E.P. Unny | The Indian Express
ई.पी. उन्नी | The Indian Express

ई.पी. उन्नी सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की आलोचना कर रहे हैं जिसमें उसने कहा है कि वो दिवाली के बाद प्रशासनिक सेवाओं और नौकरशाहों को नियंत्रित करने से जुड़ी दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करेगा.

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कीर्तिश भट्ट | BBC News Hindi

कीर्तिश भट्ट हिंदुत्वादी संगठनों और बीजेपी पर विज्ञापानों से आहत होने के लिए तंज़ कस रहे हैं. फैब इंडिया के ‘जश्न-ए-रिवाज़‘ विज्ञापन के बाद अब हाल ही में डाबर ने भी अपने एक समावेशी विज्ञापन अभियान को वापस लिया है जिसमें एक लेसबीयन कपल को करवा चौथ मनाते हुए दिखाया गया है. कार्टून में बताया जा रहा है कि एक शख्स अपने नेता से कह रहा है कि वह डिटर्जेंट के विज्ञापन पर अपना रोष दिखाएं क्योंकि यह इसमें साफ नहीं कर रहे हैं कि किस धर्म के कपड़े धोए जा रहे हैं.

(इन कार्टून्स को अंग्रेज़ी में देखने के लिए यहां क्लिक करें)

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