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Monday, 30 September, 2024
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राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना का लक्ष्य बढ़ायें : प्रधान

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नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने इस साल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना के दायरे में 10 लाख युवाओं को लाने के लिये राज्यों सहित सभी पक्षों का सहयोग मांगा और कहा कि वह 2 लाख या 5 लाख युवाओं को जोड़ने से संतुष्ट नहीं हैं और लक्ष्य को बढ़ाया जाना चाहिए ।

प्रधान ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता मेले की शुरूआत करते हुए यह बात कही । उन्होंने 700 से अधिक जगहों पर राष्ट्रीय प्रशिक्षुता मेले का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया।

प्रधान ने उद्योगों को प्रशिक्षुता पहल से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि पहले उद्योगों के लिये प्रशिक्षुता का विषय डराने वाला था लेकिन सरकार ने प्रशिक्षुता अधिनियम में संशोधन किया है।

उन्होंने कहा कि उद्योगों के लिये प्रशिक्षुता प्राप्त करने वालों को नौकरी देने की बाध्यता नहीं है, वे बाजार मूल्य के हिसाब से मानदेय दे सकते हैं ।

प्रधान ने कहा कि उद्योग 7 हजार, 8 हजार या 10 हजार रूपये का मानदेय देंगे । इसमें भारत सरकार 1500 रूपये की जिम्मेदारी उठायेगी ।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों एवं क्षेत्रीय निदेशकों को इस दिशा में प्रयास करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय निदेशकों की यह जिम्मेदारी है कि इस साल 10 लाख नौजवानों को प्रशिक्षुता कार्यक्रम के दायरे में लाएं ।

मंत्री ने कहा, ‘‘ मैं 2 लाख या 5 लाख युवाओं को जोड़ने से संतुष्ट नहीं हूं । इस लक्ष्य को बढ़ाना होगा । ’’

उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर से इन प्रशिक्षुओं के खाते में सीधा 1500 रूपया जायेगा । कंपनियों की भी जिम्मेदारी है कि वह अपनी ओर से राशि जमा करें । ’’

प्रधान ने कहा, ‘‘प्रशिक्षुता प्रक्रिया को और कारगर बनाने और 21वीं सदी में हमारे युवाओं को प्रासंगिक अवसरों से जोड़ने के लिए एक डिजिटल डैशबोर्ड स्थापित किया जाएगा। ’’

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता मेले के उद्घाटन कार्यक्रम में कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर भी मौजूद थे ।

प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता मेला देश में प्रशिक्षुता को प्रोत्साहित करने की प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यापक सोच का हिस्सा है ।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना हमारे नौजवानों को रोजगार से जोड़ने का न केवल एक मंच है बल्कि उनकी उद्यमिता की आकांक्षाओं का पोषण करने का माध्यम भी है ।

प्रधान ने कहा कि 34 वर्षों के बाद हमने एक नई शिक्षा नीति अपनाई है जो इस अमृत काल में भारत में बदलाव की एक विस्तृत कार्य योजना (रोडमैप) है।

शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री ने कहा कि इसमें प्रशिक्षुओं को अकादमिक क्रेडिट प्रदान किया जाएगा जिसका उपयोग भविष्य में राजगार के लिए किया जा सकता है।

इस अवसर पर कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने 2014 और 2015 में प्रशिक्षुता कानून और प्रशिक्षुता नियम में व्यापक सुधार किए हैं ।

उन्होंने कहा, ‘‘ अब इस कौशल परितंत्र से कार्य कुशलता हासिल कर रहे छात्रों और कुशल प्रतिभाओं की तलाश कर रहे संगठनों, दोनों से जोड़ने के लिए एक गतिशील विकसित प्लेटफॉर्म के रूप में लिया जाना चाहिए।’’

भाषा दीपक दीपक पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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