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Wednesday, 24 April, 2024
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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मोदी की ‘सुरक्षा में चूक’ को बताया गंभीर, बठिंडा के SSP और 5 अफसरों से मांगा जवाब

अधिकारियों ने बताया कि बठिंडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय मलूजा और पांच अन्य अधिकारी पीएम की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे और उन्हें नोटिस का जवाब देने को कहा गया है.

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नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान ‘सुरक्षा में बड़ी चूक’ को लेकर बठिंडा पुलिस प्रमुख सहित छह वरिष्ठ अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. यह जानकारी अधिकारियों ने यहां शुक्रवार को दी.

अधिकारियों ने यहां को बताया कि बठिंडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय मलूजा और पांच अन्य अधिकारी प्रधानमंत्री के 5 जनवरी को राज्य के दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे और उन्हें नोटिस का जवाब देने को कहा गया है.

गृह मंत्रालय भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों का काडर नियंत्रण प्राधिकार है.

बुधवार को कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा मार्ग बाधित करने के कारण मोदी का काफिला करीब 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसा रहा था जिसके बाद प्रधानमंत्री अपना पंजाब दौरा बीच में छोड़कर वापस आ गए थे. गृह मंत्रालय ने इस घटना को सुरक्षा में ‘बड़ी चूक’ करार दिया था.

मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हां, हमने बठिंडा के एसएसपी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उनसे प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान सुरक्षा में गंभीर चूक पर जवाब देने को कहा है.’

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अजय मलूजा वर्तमान में बठिंडा के एसएसपी हैं.

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पंजाब पुलिस के कम से कम पांच अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं जो प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान ड्यूटी पर थे. अन्य अधिकारियों की पहचान का तुरंत खुलासा नहीं किया गया, लेकिन सूत्रों ने कहा कि वे एसएसपी, डीआईजी और उससे ऊपर के रैंक के पुलिस अधिकारी हैं.

गृह मंत्रालय ने अपने कारण बताओ नोटिस के माध्यम से अधिकारियों से पूछा है कि अमानत में खयानत के कृत्यों के लिए उनके खिलाफ अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन और अपील), नियम, 1969 में निर्धारित अनुशासनात्मक कार्यवाही सहित कानून के तहत कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की जाए.

उक्त नियमों के तहत सजा में दोषी पाए जाने पर निलंबन, अनिवार्य सेवानिवृत्ति, निंदा और पदोन्नति रोकना शामिल है. हालांकि, इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पूरी जांच के बाद ही की जाएगी.

केंद्र सरकार ने मोदी के पंजाब दौरे के दौरान ‘सुरक्षा में बड़ी चूक’ की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. इसका नेतृत्व सचिव (सुरक्षा), कैबिनेट सचिवालय सुधीर कुमार सक्सेना कर रहे हैं और इसके दो अन्य सदस्यों में गुप्तचर ब्यूरो के संयुक्त निदेशक बलबीर सिंह और विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के आईजी एस सुरेश शामिल हैं. केंद्र ने समिति को जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

बुधवार को फिरोजपुर में प्रदर्शनकारियों द्वारा मार्ग बाधित किये जाने के चलते प्रधानमंत्री का काफिला फ्लाईओवर पर फंसा रहा था, जिसके बाद वह पंजाब में किसी भी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना राज्य से वापस लौट आए थे. मोदी के इन कार्यक्रमों में एक रैली भी शामिल थी.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को तत्काल रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए कहा था कि उसने आवश्यक तैनाती सुनिश्चित नहीं की. वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि प्रधानमंत्री के दौरे पर सुरक्षा प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही पूरी तरह से अस्वीकार्य है और जवाबदेही तय की जाएगी.

इस घटना से एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया है कि पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने प्रधानमंत्री को ‘शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने की कोशिश की’, वहीं अन्य दलों ने भी कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य सरकार पर निशाना साधा है.

वहीं दूसरी ओर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस बात से इनकार किया कि सुरक्षा में कोई चूक हुई या इसके पीछे कोई राजनीतिक मकसद था और कहा कि उनकी सरकार जांच के लिए तैयार है.

पंजाब सरकार ने भी घटना की जांच के लिए बुधवार को एक समिति का गठन किया था.

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