कोलकाता, 14 नवंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस दावे पर जोरदार पलटवार किया कि बिहार में भाजपा की बड़ी जीत ने पश्चिम बंगाल में “जंगलराज खत्म करने का रास्ता साफ कर दिया है”।
पार्टी ने इसे ‘पूरी तरह भ्रम’ बताते हुए कहा कि ममता बनर्जी 2026 में कुल 294 में से 250 सीट पर जीत हासिल कर सरकार बनाएंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन राजग की जीत पर कहा कि “जिस तरह गंगा बिहार से बंगाल में बहती है, उसी तरह भाजपा की जीत भी वहां बहेगी”
मोदी ने नयी दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार के जनादेश ने पड़ोसी राज्य (पश्चिम बंगाल) में भाजपा की जीत का रास्ता साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता ने भी जंगल राज को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया है।
टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने मोदी के इस बयान पर कहा कि यह बंगाल की राजनीति की खराब समझ को दर्शाता है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘बंगाल के लोगों ने बार-बार भाजपा की नफरत की राजनीति को खारिज किया है। राज्य को जीतने का भाजपा का सपना एक भ्रम है, जैसे एक कछुआ अपनी पीठ के बल लेटना चाहता हो। बंगाल की शेरनी उनका इंतेजार कर रही है।
बंगाल में ‘जंगलराज’ के मोदी के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए घोष ने कहा, ‘बंगाल में कोई ‘जंगलराज’ नहीं है। जंगलराज वामपंथी दौर में था। सरकारी आंकड़े दिखाते हैं कि बंगाल सबसे सुरक्षित राज्यों में से है। कश्मीर से दिल्ली तक, अपराध के ग्राफ दिखाते हैं कि असली ‘जंगलराज’ कहां है।’
घोष ने कहा कि मोदी ने ‘अब तक 2021 और 2024 की हार से सबक नहीं सीखा है।
उन्होंने कहा कि 2026 में बंगाल चुनाव का जनादेश भी इससे अलग नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘आप विधानसभा चुनाव हारे, आप पंचायतों में हारे, और आप लोकसभा सीटें भी हारे। टीएमसी की सीट बढ़ीं। 2026 में, ममता बनर्जी 2026 सीट जीतकर लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री बनेंगी।”
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बंद्योपाध्याय ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का मुकाबला करने के लिए बनर्जी को ‘इंडिया’ गठबंधन का चेहरा होना चाहिए।
यह पूछे जाने पर कि क्या बनर्जी को कांग्रेस की चुनावी हार के मद्देनजर ‘इंडिया’ का नेतृत्व करना चाहिए, बंद्योपाध्याय ने कहा, ‘हां, दीदी को भाजपा की सांप्रदायिक, विभाजनकारी, तानाशाही व अलोकतांत्रिक राजनीति से लड़ने के लिए गैर-भाजपा मोर्चे का चेहरा होना चाहिए। वह ही भाजपा की चुनौती का सामना कर सकती हैं।”
भाषा जोहेब नेत्रपाल
नेत्रपाल
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