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मंगलवार, 13 मई, 2025
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उच्च न्यायालय के समक्ष टीएमसी सांसद गोखले ने लक्ष्मी पुरी के साथ मुद्दे सुलझाने की इच्छा जताई

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नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद साकेत गोखले ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष पूर्व राजनयिक लक्ष्मी मुर्देश्वर पुरी के साथ मुद्दों को सुलझाने की इच्छा व्यक्त की। मानहानि के इस मुकदमे में गोखले को माफी मांगने और 50 लाख रुपये का हर्जाना देने का निर्देश दिया गया है।

हालांकि, संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव पुरी ने समझौते के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है।

न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने पुरी और गोखले के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद गोखले की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें एक जुलाई, 2024 के फैसले को वापस लेने का अनुरोध किया गया था।

एक जुलाई 2024 को उच्च न्यायालय ने मानहानि के मुकदमे में गोखले को माफी मांगने और पुरी को 50 लाख रुपये का हर्जाना देने का निर्देश दिया था।

गोखले के वकील ने आग्रह किया कि यदि वादी को नुकसान हुआ है तो अदालत उदार दृष्टिकोण अपना सकती है, इसकी भरपाई प्रतिवादी पर लागत लगाकर की जा सकती है।

उन्होंने अनुरोध किया कि 50 लाख रुपये के हर्जाने का आदेश वापस लिया जाए क्योंकि उनके मुवक्किल के पास धन की कमी है।

गोखले के वकील ने कहा, ‘‘आज उनके पास धन नहीं है, इसलिए यदि किसी भी राशि का भुगतान किए बिना किसी समझौते की संभावना है, तो मेरा मुवक्किल उस प्रस्ताव का लाभ उठाने के लिए तैयार है।’’

हालांकि, पुरी ने समझौते के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और उनके वकील ने दलील दी कि गोखले ने बिना किसी आधार के उनके खिलाफ ‘‘झूठी’’ बयानबाजी की।

पुरी ने 2021 में उच्च न्यायालय का रुख करते हुए दावा किया कि गोखले ने जिनेवा में उनके (पुरी के) स्वामित्व वाले एक अपार्टमेंट के संदर्भ में वित्तीय मामलों को लेकर आधारहीन और झूठे आरोप लगाकर उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल किया है।

भाषा शफीक अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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