मदुरै (तमिलनाडु), दो दिसंबर (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर प्रबंधन को तीन दिसंबर को कार्तिगई दीपम उत्सव के दौरान तिरुप्परनकुंद्रम पहाड़ी पर दीया जलाने के लिए पत्थर के प्राचीन स्तंभ पर ‘कार्तिगई दीपम’ जलाने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति जी आर स्वामीनाथन ने श्रद्धालुओं एवं अन्य लोगों द्वारा दायर याचिकाओं को मंजूर करते हुए कहा कि ‘दीपथून’ (पत्थर का स्तंभ) पर दीप जलाने से, जो इसी उद्देश्य से बनाया गया है, दरगाह की संरचना किसी भी तरह से प्रभावित नहीं होती है। न्यायाधीश ने आदेश में कहा कि दरगाह कम से कम 50 मीटर की दूरी पर स्थित है।
याचिकाओं में ‘दीपथून’ पर पवित्र कार्तिगई दीपम जलाने की उचित व्यवस्था करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
तिरुप्परनकुंद्रम पहाड़ी पर भगवान सुब्रमण्यम स्वामी का मंदिर और सिकंदर बादशाह दरगाह भी स्थित है।
सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर, जिसे तिरुप्परनकुंद्रम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, तमिलनाडु सरकार के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ विभाग द्वारा प्रशासित है। तमिल माह कार्तिगई (नवंबर-दिसंबर) के दौरान दीपम उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह उत्सव अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।
भाषा आशीष पवनेश
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