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Friday, 29 March, 2024
होमएजुकेशन'राजनीतिक पद' की बात छिपाने के चलते LSR छात्र संघ चुनावों में SFI नेता का नामांकन रद्द

‘राजनीतिक पद’ की बात छिपाने के चलते LSR छात्र संघ चुनावों में SFI नेता का नामांकन रद्द

एसएफआई का दावा है कि उनकी एलएसआर इकाई की अध्यक्ष मीनाक्षी यादव से कभी किसी राजनीतिक दल से जुड़े होने का खुलासा करने के लिए नहीं कहा गया था. लेकिन मौजूदा छात्र संघ अध्यक्ष का कहना है कि इससे उन्हें ‘सोशल कैपिटल’ का फायदा मिल सकता है.

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नई दिल्ली: दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज (एलएसआर) की 21 साल की छात्रा मीनाक्षी यादव को कॉलेज प्रशासन ने छात्र संघ अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने से रोक दिया है. यादव स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की एलएसआर इकाई की अध्यक्ष हैं जो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से संबद्ध है.

एलएसआर स्टूडेंट यूनियन एक निर्वाचित इकाई है जो कॉलेज और छात्रों के बीच कोऑर्डिनेशन की जिम्मेदारी संभालती है. इसमें अध्यक्ष, सांस्कृतिक सचिव, महासचिव और कोषाध्यक्ष के चार पद हैं. संघ प्रिंसिपल डॉ सुमन शर्मा के नेतृत्व में स्टाफ सलाहकारों के एक पूल के मार्गदर्शन में काम करता है.

अध्यक्ष पद के लिए गुरुवार 21 अप्रैल को चुनाव होना है और मंगलवार को यादव की उम्मीदवारी खारिज कर दी गई.

जर्नलिज्म सेकेंड ईयर की छात्रा यादव ने चुनाव लड़ने से रोके जाने पर उसी दिन अपना एक बयान जारी किया था. एसएफआई ने आरोप लगाया और कहा कि एलएसआर चुनाव कोर कमेटी ने कारण दिया है कि ‘प्राप्त शिकायतों के आधार पर यह बात सामने आई है कि लेडी श्रीराम कॉलेज के छात्र संघ चुनावों में अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरते समय एक राजनीतिक संगठन में पद पर बने होने की जानकारी को छिपाया गया था.’

एसएफआई ने आगे कहा, ‘एलएसआर प्रशासन ने उम्मीदवार से किसी भी राजनीतिक छात्र संगठन में पद से जुड़ी कोई जानकारी नहीं मांगी थी, न ही ऐसा करने के लिए कोई औपचारिक निर्देश दिया गया था. फॉर्म में भी ऐसा कोई सवाल नहीं था. तो फिर जानकारी ‘छिपाने’ की बात कैसे की जा सकती है.’

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यादव को छात्र संघ चुनाव लड़ने से रोकने के फैसले का बचाव करते हुए, कार्तिका संजीव ने कहा, ‘ किसी राजनीतिक दल से जुड़ना या उसकी सदस्यता लेना कोई समस्या नहीं है. समस्या उस फायदे से है जो एक उम्मीदवार को किसी ऐसे छात्र संगठन से जुड़ने या पद लेने से मिलता है. उसे ‘सोशल कैपिटल’ का फायदा मिलता है, जो अन्य प्रतियोगियों के पास नहीं होता. संजीव संघ की वर्तमान अध्यक्ष और चुनाव कोर कमेटी की सदस्या हैं.

संजीव ने बताया, ‘अगर नामांकन के समय इस बारे में बताया गया होता तो यह समस्या नहीं होती.’


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‘कुछ नहीं छिपाया’

दिप्रिंट ने 2022 के एलएसआर चुनाव गाइडलाइंस को पढ़ा है वहां ऐसा कोई क्लॉज नहीं मिला जिसमें किसी प्रतियोगी को किसी अन्य संगठन में अन्य पदों की जानकारी देने या वह किस राजनीतिक दल से जुड़ा है, इसकी घोषणा करने की जरूरत हो.

दिप्रिंट को दिल्ली विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध छात्र संघ के दिशानिर्देशों में भी ऐसा कोई क्लॉज नहीं मिला है.

यादव ने भी ऐसी किसी जानकारी से इनकार किया है. उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ‘मैंने हफ्तों पहले फॉर्म भरा था और इसमें मुझे अपनी किसी राजनीतिक संगठन से जुड़े होने की जानकारी देने की जरूरत नहीं थी. हमने छात्र संघ चार्टर को भी जांचा लेकिन उसमें भी कहीं इसका उल्लेख नहीं है. ये तो सब जानते हैं कि मैं एसएफआई की सदस्य हूं. ऐसा कुछ भी नहीं है जो मैं छिपा रही हूं.’

चुनाव से ठीक दो दिन पहले उनके नामांकन को रद्द करने की घोषणा से यादव खासी परेशान हैं.

दिप्रिंट ने इस बारे में प्रतिक्रिया लेने के लिए एक प्रोफेसर से फोन पर संपर्क साधा. वह चुनाव कोर कमेटी की सदस्या भी हैं. उन्होंने केवल इतना कहा, ‘निर्णय कोर कमेटी द्वारा लिया गया था और मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकती.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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