scorecardresearch
Friday, 29 March, 2024
होमदेशन्यायालय ने हाथियों के संरक्षण के लिए प्रस्तावित एनईसीए को लेकर केंद्र से जवाब मांगा

न्यायालय ने हाथियों के संरक्षण के लिए प्रस्तावित एनईसीए को लेकर केंद्र से जवाब मांगा

Text Size:

नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने हाथियों के संरक्षण के लिए प्रस्तावित राष्ट्रीय हाथी संरक्षण प्राधिकरण (एनईसीए) को वैधानिक दर्जा देने की एक समिति की सिफारिश पर बुधवार को केंद्र से जवाब मांगा।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी के माध्यम से प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को सूचित किया कि उसके ‘‘ठोस प्रयासों’’ के कारण, देश में हाथियों की संख्या बढ़ी है। मंत्रालय ने कहा कि 2017 की गणना के अनुसार हाथियों की संख्या बढ़ कर 29,964 हो गई है।

पीठ में न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला भी शामिल हैं। पीठ ने 2010 की ‘‘गज’’ समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों का हवाला दिया और एमओईएफसीसी से इस बारे में जवाब मांगा कि क्या एनईसीए को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की तर्ज पर वैधानिक दर्जा दिया जा सकता है, जो ‘‘प्रोजेक्ट टाइगर’’ अभियान को सफलतापूर्वक लागू कर रहा है।

सुनवाई के दौरान एएसजी ने मंत्रालय के एक हलफनामे का हवाला दिया और कहा, ‘‘पूरे भारत में हाथियों के अधिवास वाले क्षेत्रों को जोड़ा जा रहा है और देश में हाथी रिजर्व क्षेत्र बढ़कर 77,705.42 वर्ग किलोमीटर हो गया है।’’

शीर्ष अदालत ने 5 जनवरी, 2022 को गुरुग्राम निवासी प्रेरणा सिंह बिंद्रा द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगा था, जिसमें बिजली के करंट के कारण हाथियों की मौत होने का जिक्र किया गया था।

भाषा आशीष सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments