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Wednesday, 24 April, 2024
होमदेशसुप्रीम कोर्ट ने कोयला घोटाला मामलों की सुनवाई के लिए दो विशेष न्यायाधीशों को किया नियुक्त

सुप्रीम कोर्ट ने कोयला घोटाला मामलों की सुनवाई के लिए दो विशेष न्यायाधीशों को किया नियुक्त

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा मुहैया कराए गए पांच न्यायिक अधिकारियों के नामों पर विचार किया.

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नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने दो न्यायिक अधिकारियों, अरुण भारद्वाज और संजय बंसल, को 2014 से लंबित सनसनीखेज कोयला घोटाला मामलों की सुनवाई के लिए सोमवार को विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया.

इससे पहले, विशेष न्यायाधीश भरत पराशर कोयला घोटाले से जुड़े करीब 40 मामलों की सुनवाई कर रहे थे. दिल्ली उच्च न्यायालय के महापंजीयक ने शीर्ष अदालत को पत्र लिखा था कि पराशर के स्थान पर किसी अन्य उपयुक्त पीठासीन न्यायिक अधिकारी को नामित करने या नियुक्त करने की अनुमति दी जाए. शीर्ष अदालत ने इस पत्र का संज्ञान लेकर पराशर की जगह दो न्यायाधीशों को नियुक्त किया.

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा मुहैया कराए गए पांच न्यायिक अधिकारियों के नामों पर विचार किया. न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन भी इस पीठ में शामिल थे.

पीठ ने पराशर के स्थान पर किसी एक विशेष न्यायाधीश को नियुक्त करने के बजाए विशेष लोक अभियोजक आर एस चीमा के सुझाव को मानते हुए दो पीठासीन अधिकारियों को नामित किया.

चीमा ने कहा कि 41 लंबित मामले हैं और दो अदालतों का गठन करना उचित रहेगा.

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इसके बाद पीठ ने भारद्वाज और बंसल को कोयला घोटाला मामलों की सुनवाई के लिए गठित दो अदालतों की अध्यक्षता करने के लिए विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया.

न्यायालय ने 15 मार्च को दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से निचली अदालत के ‘उच्च क्षमता एवं पूर्ण सत्यनिष्ठा’ वाले पांच न्यायाधीशों के नाम मांगे थे, ताकि उनमें से किसी को 2014 कोयला घोटाला मामले की सुनवाई कर रहे भरत पराशर के स्थान पर विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया जा सके.

शीर्ष अदालत ने 2014 में 214 कोयला खदानों के आवंटन रद्द कर दिए थे जिन्हें वर्ष 1993 से 2010 के बीच केंद्र सरकार ने आवंटित किया था. साथ ही विशेष सीबीआई न्यायाधीश के समक्ष सुनवाई के आदेश दिए थे.


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